MP Board Result : मां ने घरों में बर्तन धोकर बेटी को बनाया स्टेट टॉपर, शिक्षक की बेटी ने तोड़ा रिकॉर्ड

मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं-बारहवीं परीक्षा का परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिया गया। परीक्षा परिणाम की घोषणा मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। बारहवीं का परीक्षा परिणाम 74.48 फीसदी रहा, जबकि दसवीं में 76.22 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं। दसवीं के रिजल्ट में बीस साल और बारहवीं के रिजल्ट में 16 साल का रिकार्ड टूटा है।

MP Board Result : मां ने घरों में बर्तन धोकर बेटी को बनाया स्टेट टॉपर, शिक्षक की बेटी ने तोड़ा रिकॉर्ड
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भोपाल. मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं-बारहवीं परीक्षा का परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिया गया। परीक्षा परिणाम की घोषणा मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। बारहवीं का परीक्षा परिणाम 74.48 फीसदी रहा, जबकि दसवीं में 76.22 फीसदी विद्यार्थी पास हुए हैं। दसवीं के रिजल्ट में बीस साल और बारहवीं के रिजल्ट में 16 साल का रिकार्ड टूटा है। दसवीं में पहला स्थान सिंगरौली की प्रज्ञा जायसवाल ने हासिल किया है। प्रज्ञा ने 500 में से 500 अंक प्राप्त कर पिछले सभी रिकार्ड तोड़ दिए हैं। प्रज्ञा के माता-पिता शासकीय स्कूल में शिक्षक हैं। भोपाल की इशिका कपूर ने स्टेट मेरिट में दसवां स्थान प्राप्त किया है। इशिका के पिता नहीं हैं और मां घरों में बर्तन साफ करने का काम करती हैं, लेकिन बेटी की पढ़ाई में बाधा नहीं पैदा होने दिया।

बारहवीं का परिणाम पिछले साल की अपेक्षा 18.12 फीसदी बढ़ा है। बारहवीं के परिणाम में सभी संकाय की टॉपर लिस्ट में गणित समूह में सतना की प्रियल द्विवेदी ने 500 में 492 अंक प्राप्त कर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है। कला समूह में एक्लीलेंस क्रमांक एक रीवा के अंकुर यादव ने 500 में से 489 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया है। जीव विज्ञान समूह में दमोह की गार्गी अग्रवाल व सीधी के दिव्यांशु तिवारी ने 500 में से 484 अंक प्राप्त कर पहले स्थान पर जगह बनाई है। कृषि समूह में छिंदवाड़ा के हरिओम साहू ने 500 में से 486 अंक प्राप्त कर पहले स्थान पर है। ललित कला समूह में भिंड की योग्यता टंक ने 500 में से 478 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया है।

रिजल्ट की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार बेटियों ने बाजी मारी है। असफल विद्यार्थी खुद को फेल न समझें, उनको परीक्षा का एक और मौका मिलेगा। माशिमं की अध्यक्ष स्मिता भारद्वाज ने कहा कि जो छात्र-छात्राएं फेल हो गए हैं या अपने अंकों में सुधार करना चाहते हैं, वे 17 जून से दोबारा परीक्षा दे सकेंगे। यह व्यवस्था नई शिक्षा नीति के तहत की गई। इस तरह का प्रयोग करने वाला मध्यप्रदेश देश का तीसरा राज्य बन गया है। आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता ने बेहतर रिजल्ट का कारण अकादमिक गुणवत्ता को बताया। उन्होंने कहा कि इस बार अतिशेष शिक्षकों को खाली स्कूलों में भेजा गया। समय-समय पर शिक्षकों को पढ़ाने के लिए मोटिवेट भी करते रहे। तिमाही व छमाही परीक्षा के दौरान भी पढ़ाई चलती रही। सभी के प्रयास से इस बार रिजल्ट बेहतर रहा। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री डॉ. राजेश राजौरा, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल समेत स्कूल शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारी उपस्थित थे।

सोशल मीडिया से रही दूर, आईएएस बनने का सपना

बारहवीं की टॉपर प्रियल द्विेदी ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, निरंतर मेहनत और आत्मविश्वास को दिया है। स्टडी को लेकर उनका कहना है कि उन्होंने अध्ययन के लिए एक ठोस रणनीति बनाई थी और उसी के  मुताबिक उस पर काम किया। उसने सेल्फ स्टडी की और सोशल मीडिया से दूर रही। प्रियल का सपना है कि वह आगे चलकर आईएएस अधिकारी बनें।  प्रियल का मानना है कि कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है।

बिना ट्यूशन के किया टॉप, यूपीएससी की तैयारी करना लक्ष्य

प्रज्ञा ने यह उपलब्धि बिना किसी ट्यूशन के हासिल की है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों को दिया है। प्रज्ञा के पिता विनय कुमार जायसवाल शासकीय उच्चतर माध्यमिक शिक्षक हैं। उनकी माता शशिकला जायसवाल भी उच्च माध्यमिक शिक्षिका हैं। प्रज्ञा ने बताया कि उनके माता-पिता का हमेशा सहयोग मिला। भविष्य को लेकर प्रज्ञा ने कहा कि वह यूपीएससी की तैयारी करना चाहती हैं। उनकी इस उपलब्धि से पूरा क्षेत्र गौरवान्वित है।

बारहवीं का 74.48 फीसदी रहा परिणाम

माध्यमिक शिक्षा मंडल की बारहवीं परीक्षा में कुल 706559 परीक्षार्थी शामिल हुए। इसमें नियमित परीक्षार्थियों की संख्या 604402 व स्वाध्यायी परीक्षार्थियों की संख्या 102157 रही। बारहवीं में 74.48 फीसदी नियमित व 26.48फीसदी स्वाध्यायी परीक्षार्थी पास हुए है। नियमित छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत 71.37 व नियमित छात्राएं 77.55 फीसदी पास हुई है। बारहवीं में सरकारी स्कूलों का परीक्षा फल 75.79 व प्रायवेट स्कूलों के 72.47 फीसदी विद्यार्थी पास हुए है। बारहवीं की प्रावीण्य सूची में 89 छात्राओं व 70 छात्रों कुल 159 ने जगह बनाई है। प्रावीण्य सूची में छात्राओं ने छात्रों की तुलना में अधिक स्थान प्राप्त किया है। दो लाख 21 हजार 839 विद्यार्थी फेल हुए हैं।

दसवीं में 76.22 प्रतिशत विद्यार्थी हुए सफल

माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं परीक्षा में 953347 परीक्षार्थी शामिल हुए। नियमित परीक्षार्थियों की संख्या 810019 व स्वाध्यायी की 143328 रही। दसवीं में 76.22 फीसदी नियमित व 28.7 फीसदी स्वाध्यायी विद्यार्थी पास हुए। नियमित छात्रों का उत्तीर्ण 73.21 प्रतिशत व नियमित छात्राएं 79.27 फीसदी पास हुई। शासकीय विद्यालयों का परीक्षाफल 77.59 व प्रायवेट स्कूल के 74.2 फीसदी विद्याथीज़् पास हुए। प्रावीण्य सूची में 144 छात्राओं व 68 छात्रों कुल 212 ने जगह बनाई है। प्रावीण्य सूची में इस वषज़् भी छात्राओं ने छात्रों की तुलना में अधिक स्थान प्राप्त किया है। इस वर्ष दसवीं का पिछले साल की तुलना में 18.12 फीसदी परिणाम बढ़ा है। दसवीं में 284865 विद्यार्थी फेल हुए है।

अंकुर को मिला पहला स्थान

एक्लीलेंस स्कूल रीवा के छात्र अंकुर यादव ने कला समूह में स्टेट में पहला स्थान प्राप्त किया है। अंकुर को 500 में से 489 अंक मिले है। अंकुर ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है।

पढ़ाई के साथ क्रिकेट का शौक

दसवीं में मऊगंज जिले के आयुष द्विेदी ने 500 में से 499 अंक प्राप्त कर प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। आयुष को पढ़ाई के साथ क्रिकेट का भी शौक है। आयुष के माता-पिता भी शिक्षक है।

सेल्फ स्टडी पर किया फोकस

राजधानी के अशोक गार्डन इलाके में रहने वाली एक्लीलेंस स्कूल की छात्रा इशिका कपूर ने स्टेट मेरिट में दसवां स्थान प्राप्त किया है। इशिका के पिता नहीं है। मां घरों में बर्तन साफ करती है। इशिका ने कहा कि उसने सेल्फ स्टडी पर ज्यादा ध्यान दिया।

रिटोटलिंग के लिए 10 दिन का समय

माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं-बारहवीं परीक्षा के जिन विद्यार्थियों को उत्तरपुस्तिका देखना है या नंबरों की रिटोटलिंग कराने के लिए दस दिन का समय दिया है। इसके लिए एमपी आनलाइन के माध्मय से 7 मई से 21 मई की रात 12 बजे तक आवेदन कर सकते है।

राजधानी का प्रदेश में रहा 36 वां स्थान

दसवीं के रिजल्ट में भोपाल का 36 वां स्थान रहा है, जबकि बारहवीं में 33 वां स्थान मिला है। जिले की स्टेट मेरिट लिस्ट में एक्सीलेंस स्कूल के सबसे ज्यादा विद्यार्थी है। एक्लीसेंस स्कूल में दसवीं में चार व बारहवीं में 6 विद्यार्थियों ने जगह बनाई है। राजधानी के शासकीय स्कूलों का एक बी विद्यार्थी स्टेट मेरिट में नहीं आया है। दसवीं- बारहवीं में प्रदेश में पहला स्थान नरसिंहपुर व आखिरी में दमोह जिले का रहा है।