चर्चित फर्जी बैंक गारंटी मामले में सेमरिया विधायक बोले- जिस-जिस जगह आबकारी अधिकारी अनिल जैन तैनात रहा, वहीं गड़बडिय़ां हुईं,
जांच कराई जाए सच्चाई सामने न आई तो विधायक पद से इस्तीफा दूंगा विभागीय अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप, सियासी हलकों में मचा हडक़ंप

रीवा जिले में आबकारी विभाग में विगत कुछ माह पहले एक बड़े घोटाला उजागर हुआ था, जिसमें करीब 15 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी के जरिए शराब दुकानों के लाइसेंस जारी किए गए। जिसमे आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्लू)ने मामला दर्ज किया था, जिसमें रीवा, सिंगरौली, उमरिया और सतना जिलों में कई शराब ठेकेदारों ने फर्जी बैंक गारंटी लगाकर ठेके हासिल किए। इस मामले में ईओडब्लू ने रीवा के तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन, मोरबा सहकारी बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक नागेंद्र सिंह, और कई शराब ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी,खास बात यह है कि इस पूरे मामले में कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने खुलकर मोर्चा खोलते हुए अनिल जैन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि अनिल जैन जहां भी पदस्थ रहा है, वहां-वहां फर्जी बैंक गारंटी लगाकर ठेकेदारों ने फर्जी तरीके से शराब दुकानों के ठेके हासिल किए हैं यदि जांच कराई जाए तो हर जगह इसी तरह के घोटाले सामने आयेगे। यदि मेरी बात गलत निकली तो मैं विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगा।
फर्जी गारंटी, फर्जी प्रक्रिया, असली लाइसेंस
बता दे विगत कुछ माह पहले ईओडब्लू की शुरुआती जांच रिपोर्ट के अनुसार, मोरबा (जिला सिंगरौली) स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा से बिना किसी काउंटर गारंटी और वैध प्रक्रिया के 14 फर्जी बैंक गारंटी जारी की गईं। ये गारंटी शराब ठेकेदारों द्वारा रीवा, सिंगरौली, उमरिया और सतना में शराब ठेके प्राप्त करने के लिए उपयोग की गईं। इनमें से 9 गारंटी का सीधा उपयोग ठेकेदारों ने लाइसेंस प्राप्त करने में किया, जिन्हें नियमों के विरुद्ध स्वीकार किया गया। आबकारी विभाग की ओर से इन फर्जी दस्तावेजों की वैधता की जांच नहीं की गई और उन्हें प्रमाणिक मानते हुए शराब लाइसेंस आवंटित किए गए थे।
हेराफेरी की कोशिश लेकिन पकड़ी गई चालाकी
जांच में यह भी सामने आया कि शिकायत मिलने के बाद घोटाले की लीपापोती करने के लिए तत्कालीन आबकारी सहायक आयुक्त अनिल जैन ने शराब ठेकेदारों से चुपचाप नई बैंक गारंटी मंगवाई और फाइलों में उनकी जगह लगाकर पुरानी गारंटी के दस्तावेजों में हेरफेर की कोशिश की। हालांकि ईओडब्ल्यू की सतर्क निगरानी के चलते यह प्रयास भी बेनकाब हो गया।
सेमरिया विधायक ने उठाए सवाल, सियासी गलियारों में हलचल
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा ने इस घोटाले को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि ये आबकारी सहायक आयुक्त अनिल जैन जहां-जहां जिस जिस जिले में पदस्थ रहा है वहां वहां फर्जी बैंक गारंटी लगाई गई है यदि जांच कराई जाए तो पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा, दिल्ली से बड़ा शराब घोटाला मध्य प्रदेश में हो रहा है इसमें विभाग के अफसर, बैंक अधिकारी और सत्ता संरक्षित नेटवर्क शामिल है। मैं चुनौती देता हूं,जो मैंने कहा, अगर वह गलत साबित हो जाए तो मैं विधायक पद से इस्तीफा देने को तैयार हूं। अभय मिश्रा के इस बयान के बाद से सियासी हलकों में हडक़ंप मचा हुआ है। कांग्रेस ने इस मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही है, जबकि बीजेपी सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है।