Corona virus : MP के बड़े शहरों में कोरोना को लेकर तैयारी सुस्त, गाइडलाइन का इंतजार

मध्य प्रदेश के भोपाल सहित कई बड़े शहरों में कोरोना को लेकर तैयारियों की कमी देखने को मिल रही है। सरकारी अस्पतालों में अब तक कोरोना के लिए कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं पहुंची है, जिससे लोगों और स्वास्थ्यकर्मियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कोरोना को लेकर अभी तक कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है।

Corona virus :  MP के बड़े शहरों में कोरोना को लेकर तैयारी सुस्त, गाइडलाइन का इंतजार
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Corona virus update. मध्य प्रदेश के भोपाल सहित कई बड़े शहरों में कोरोना को लेकर तैयारियों की कमी देखने को मिल रही है। सरकारी अस्पतालों में अब तक कोरोना के लिए कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं पहुंची है, जिससे लोगों और स्वास्थ्यकर्मियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कोरोना को लेकर अभी तक कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि केस बढ़ने की वजह वायरस के लगातार म्यूटेशन और दो नए सब-वैरिएंट का उभरना है, जिससे संक्रमण फिर से रफ्तार पकड़ रहा है।

कोरोना के नए वेरिएंट से बढ़ी चिंता

देश में कोरोना वायरस एक बार फिर चिंता बढ़ा रहा है। तीन दिन पहले जहां एक्टिव केस 316 थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 1047 हो गई है। संक्रमण की यह अचानक बढ़ोतरी वायरस के नए म्यूटेशन और दो नए सब-वैरिएंट्स के कारण हो रही है। मध्यप्रदेश में  6 एक्टिव केस हो गए है। इंदौर में 5 और उज्जैन में 1 मरीज की पुष्टि हुई है।  जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। हालांकि, राजधानी भोपाल में सिर्फ एम्स में ही RTPCR टेस्ट की सुविधा उपलब्ध है, जबकि अन्य अस्पतालों में टेस्टिंग और ट्रैकिंग की तैयारी सुस्त है। 

MP में तैयारियों की कमी

मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर दस्तक दे दी है और इस बार चिंता की वजह बना है कोरोना का नया वेरिएंट।  कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद भोपाल, उज्जैन और अन्य बड़े शहरों में तैयारियां बेहद धीमी हैं। भोपाल में सरकारी अस्पताल सिर्फ आदेश का इंतजार कर रहे हैं। वहीं,उज्जैन में किसी भी सरकारी अस्पताल में जांच की सुविधा नहीं दी जा रही है। कोई गाइडलाइन अब तक जारी नहीं हुई है, जिससे सिस्टम निष्क्रिय नजर आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अब तक कोविड को लेकर कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है, जिससे अस्पष्टता और असमंजस की स्थिति बनी हुई है।