टीआरएस कॉलेज में ‘‘मानवता के पक्ष में ’’ के थीम साथ विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया गया

टीआरएस कॉलेज रीवा की युवक रेडक्रॉस इकाई द्वारा विश्व रेडक्रॉस दिवस पर "मानवता के पक्ष में संवाद" विषयक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सेवा, सहानुभूति और मानवता जैसे मूल्यों पर वक्ताओं ने विचार साझा किए। प्रो. अखिलेश शुक्ल ने रेडक्रॉस को संवेदना, सेवा और समर्पण की जीवंत भावना बताया और युवाओं से सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।

टीआरएस कॉलेज में ‘‘मानवता के पक्ष में ’’ के थीम साथ विश्व रेडक्रॉस दिवस मनाया गया

रेडक्रॉस सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि यह संवेदना, सेवा और समर्पण की जीवंत भावना है- प्रोफेसर अखिलेश शुक्ल
रीवा, 8 मई 2025/ टीआरएस कॉलेज रीवा की युवक रेडक्रॉस इकाई द्वारा, आईक्यूएसी की फ्लैगशिप योजना ‘‘चेतना’’ के अंतर्गत, आज विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर ‘‘मानवता के पक्ष में संवाद’’ विषयक विशेष कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी के निर्देशन में आयोजित किया गया। इस वर्ष की थीम ‘मानवता के पक्ष में’ के अनुरूप, कार्यक्रम का उद्देश्य समाज में सेवा, सहानुभूति और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना रहा। कार्यक्रम की शुरुआत रेडक्रॉस के जनक जीन हेनरी डुनैंट के चित्र पर माल्यार्पण कर की गई।


रेडक्रॉस के मूल्यों पर विमर्श, मानवता रही केंद्र में
इसके पश्चात रेडक्रॉस के इतिहास, उद्देश्य और वैश्विक योगदान पर वक्ताओं ने विचार साझा किए। प्राचार्य डॉ. अर्पिता अवस्थी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, विश्व रेडक्रॉस दिवस केवल एक तिथि नहीं, बल्कि यह मानवता, करुणा और सेवा के मूल्यों को दोहराने का अवसर है। रेडक्रॉस जैसी संस्थाएं हमें यह सिखाती हैं कि बिना किसी भेदभाव के, सिर्फ इंसानियत के आधार पर सहायता कैसे की जाती है। उन्होंने कहा, आज की युवा पीढ़ी के कंधों पर भविष्य की नींव टिकी है। यदि आप संवेदनशील हैं, दूसरों की पीड़ा को महसूस करते हैं और सहायता को तत्पर रहते हैं, तो आप न केवल अच्छे विद्यार्थी हैं, बल्कि बेहतर नागरिक भी बन रहे हैं। उन्होंने रेडक्रॉस इकाई के सक्रिय कार्यों की प्रशंसा की और सभी विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे सेवा और संवाद को जीवन के मूल मंत्र के रूप में अपनाएं।
रेडक्रॉस इकाई के प्रभारी प्राध्यापक प्रोफेसर अखिलेश शुक्ल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, रेडक्रॉस सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि यह संवेदना, सेवा और समर्पण की जीवंत भावना है। युवा वर्ग को मानवता के पक्ष में खड़े होने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे कहा, विश्व रेडक्रॉस दिवस हमें यह याद दिलाने का अवसर है कि निस्वार्थ सेवा ही सच्ची शिक्षा है। मानवता के पक्ष में संवाद विषय हमें प्रेरित करता है कि हम संवाद के माध्यम से लोगों में करुणा, सहानुभूति और जिम्मेदारी की भावना जागृत करें। प्रो. शुक्ल ने छात्रों से अपील की कि वे रेडक्रॉस के कार्यों में सक्रिय भागीदारी करें और आपातकालीन स्थितियों में जरूरतमंदों की मदद करने के लिए स्वयं को तैयार रखें। संवाद कार्यक्रम में डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. मोहम्मद परवेज तथा ज्ञानेन्द्र सिंह ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के सफल संयोजन में डॉ गुंजन सिंह, डॉ. प्रियंका तिवारी, योगेश निगम आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आयोजन में प्रो. अमित पाण्डेय,राजेश तिवारी,  दिनेश प्रजापति, गौरव सोंधिया, अतुल पटेल आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।