सीएम राइज स्कूल के क्लास रूम में पढ़ रही छात्राओं के ऊपर गिरा छत का प्लास्टर, मचा हड़कंप
इंजीनियरों एवं संस्था प्रमुखों की मनमानी के कारण सरकारी स्कूलों का खस्ताहाल, स्कूल छत के गिरे मलवे की चपेट में आने से दो बालिकाएं घायल, एक की हालत गंभीर

राजेंद्र पयासी-मऊगंज
नवगठित मऊगंज जिले में गुरुवार की दोपहर उस समय हड़कंप मच गया जब जिले के सीएम राइज विद्यालय देवतालाब में क्लास चल रही थी उसी समय भवन की छत का प्लास्टर गिर गया।
स्कूल छत का प्लास्टर गिरने से क्लास रूम में पढ़ रही दो छात्राएं घायल हो गई जिनमें से एक छात्रा की हालत गंभीर होने के कारण स्थानीय अस्पताल में कराए गए उपचार उपरांत रीवा के लिए रेफर कर दिया गया है जिसे स्कूल प्रबंधन द्वारा एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बताया गया है कि कक्षा 11 वीं के जिस क्लास रूम में पढ़ाई के दौरान स्कूल छत का प्लास्टर गिरा उस वक्त दो दर्जन से अधिक विद्यार्थी पढ़ रहे थे घटना दोपहर करीब 1 के बीच घटी। छत का प्लास्टर गिरने की जानकारी होते ही शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारी एवं पुलिस कर्मचारी मौके पर पहुंचे जहां एक छात्रा को स्थानीय स्तर पर उपचार करा कर घर भेज दिया गया वहीं दूसरी छात्रा की हालत गंभीर होने के कारण रीवा स्थित भगवती अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार नवगठित मऊगंज विकासखंड अंतर्गत आने वाले सीएम राइज विद्यालय देवतालाब में प्रतिदिन की भांति विद्यालय में अध्यनरत बच्चे क्लास रूम में पढ़ाई कर रहे थे। की दोपहर करीब 1 बजे विद्यालय भवन के छत का प्लास्टर अचानक भरभरा कर गिरने लगा।
इस दौरान विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों में भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई। करीब 10 फीट की ऊंचाई से भारी मात्रा में कंक्रीट युक्त मलवा गिरा जिसके चपेट में आने से कक्षा 11 वीं की छात्रा प्रियांशी द्विवेदी पिता शांति स्वरूप द्विवेदी निवासी हटवा सोरैहान गंभीर रूप से घायल हो गई जिसे प्राथमिक उपचार के उपरांत स्वास्थ्य में सुधार न होने पर रीवा के लिए रेफर कर दिया गया वहीं रेनू मिश्रा नामक छात्रा को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
घटिया निर्माण की खुली पोल-
बताया गया है कि जिस विद्यालय भवन में गुरुवार को बच्चे अध्ययन कर रहे थे वह भवन दो दशक के अंदर ही बनवाया गया था। लेकिन घटिया निर्माण कार्य के चलते दो दशक के अंदर ही छत की प्लास्टर गिरने लगी। इससे साफ साबित होता है कि जिस दौरान विद्या के मंदिर यानी विद्यालय भवन का निर्माण कार्य कराया गया उस समय निर्माण कार्य के प्राक्कलन का ध्यान नहीं दिया गया।
संबंधी निर्माण एजेंसी एवं इंजीनियर की अनदेखी के कारण घटिया स्तर के हुए भवन निर्माण कार्य के चलते आज ऐसी स्थिति निर्मित हुई की विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के ऊपर भवन के प्लास्टर का मलवा गिर गया।
वैसे भी इस तरह की घटना कोई नई नहीं है जब स्कूल का प्लास्टर एवं मलवा बच्चों के ऊपर गिरा हो बीते वर्ष भी रीवा जिले के एक विद्यालय में ऐसी घटना घटी थी जहां बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे वही मऊगंज जिले में भी शिवराजपुर एवं मौहरिया में घटनाएं घट चुकी हैं।
घटना के बाद प्रशासन द्वारा जर्जर भवनों में विद्यालय न लगाए जाने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन यहां सबसे बड़ी बात यह देखने को मिल रही है कि शायद ही कोई ऐसा विद्यालय भवन हो जो प्राक्कलन के अनुसार बनाया गया हो जहां देखा जाए वही भवनों की स्थिति खराब है कई जगह घटिया निर्माण एवं रखरखाव के अभाव में भवनों में दरारें आ चुकी हैं उधर शिक्षकों के पास भी समस्या है कि विद्यालयों में अध्यनरत बच्चों को कहां बैठाया जाए।
खराब मौसम के कारण स्कूल के बाहर बच्चों को बिठाया भी नहीं जा सकता। सीएम राइज विद्यालय देवतालाब में घटी घटना के बारे में बताया गया है कि ऐसा प्रतीत कभी भी नहीं हुआ कि छत का प्लास्टर गिर सकता है लेकिन 10 जुलाई की दोपहर अचानक छत का प्लास्टर गिर गया जिससे दो छात्राएं घायल हो गई।
इंजीनियरों के अनदेखी के कारण भवनों का नहीं होता सुधार-
शासन स्तर पर विद्यालयों की स्थिति का जायजा लेने एवं रखरखाव हेतु योजना तैयार करने तथा खराब भवनों की स्थिति पर शासन की योजना अनुसार सुधारात्मक कार्य कराने की जिम्मेदारी इंजीनियरों को सौपी गई है लेकिन देखा यह जा रहा है कि जिले के जनपद शिक्षा केंद्रों में पदस्थ इंजीनियर अपना काम यानी स्कूल भवनों का निरीक्षण कर स्थिति अनुसार योजना बनाने एवं सुधार कार्य कराए जाने के बजाय जनपद पंचायतों जैसे अन्य विभागों में नौकरी कर रहे हैं।
नईगढ़ी हो या मऊगंज या फिर हनुमना सर्व शिक्षा अभियान में पदस्थ तीनों जनपद शिक्षा केंद्रों के कई इंजीनियर अपना काम यानी स्कूल शिक्षा विभाग का काम छोड़कर अन्य मलाईदार विभागों में सेवा दे रहे हैं ऐसा भी नहीं की शिक्षा विभाग की जगह दूसरे विभाग में सेवा दे रहे इन इंजीनियरों के बारे में समाजसेवियों जनप्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति नहीं जताई गई.
कई बार जिले से लेकर प्रदेश स्तर पर अपना काम करने के लिए शासन स्तर पर आदेश जारी किए गए लेकिन आज तक शिक्षा विभाग में पदस्थ इंजीनियर अपने मूल पदस्थापना विभाग में कार्य करने की बजाय अन्य विभागों में सेवा दे रहे हैं जिसका परिणाम है कि आज स्कूल भवन समय से पहले जर्जर हो रहे हैं और आए दिन घटनाएं घट रही है। लेकिन पदस्थ इंजीनियर अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं।
स्कूल भवनों मे टपक रहा पानी, इंजीनियर गायब-
जिले के कई विद्यालयों की स्थिति इतनी खराब है कि थोड़ी सी बारिश होते ही छत टपकनें लगती है लेकिन इंजीनियर कभी भी विद्यालयों की स्थिति का जायजा लेने नहीं पहुंचते। कई बार तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा पदस्थ इंजीनियर से आग्रह भी किया जाता है तो भी इंजीनियर स्कूल भवन की स्थिति का आकलन करने नहीं पहुंचते।
वैसे तो पूरे वर्ष भर स्कूल भवनों की स्थिति का जायजा इन इंजीनियरों को लेना चाहिए पर बारिश के मौसम में विशेष ध्यान रखना चाहिए। लेकिन देखा यह जा रहा है कि दूसरे विभाग में सेवा दे रहे शिक्षा विभाग के इंजीनियर अपने मूल पदस्थापना विभाग द्वारा दी गई जिम्मेदारी का पालन नहीं कर रहे हैं।
देखना अब यह होगा कि प्रशासन द्वारा इन गैर जिम्मेदार इंजीनियरों पर कार्यवाही की जाती है या फिर अपना काम छोड़कर दूसरे विभाग की सेवा देने वाले इंजीनियर इसी तरह मनमानी करते रहेंगे और इनकी अनदेखी के कारण आए दिन इसी तरह घटनाएं घटती रहेंगी।
इनका कहना है
सीएम राइज विद्यालय देवतालाब में कक्षा ग्यारहवीं के पढ़ाई कर रहे बच्चों के ऊपर गुरुवार की दोपहर स्कूल छत प्लास्टर का मालवा गिर गया जिसके कारण दो बालिकाएं घायल हो गई थी जिसमें एक की हालत गंभीर होने के कारण रीवा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जो अब पूर्ण रूपेण स्वस्थ्य है।