मऊगंज सहित सात शहरी क्षेत्रों में मिले डेंगू के मरीज

रीवा, मऊगंज, गंगेव, सिरमौर, गोविंदगढ़, त्योंथर और रायपुर कर्चुलियान जैसे शहरी क्षेत्रों में डेंगू के मरीज सामने आए हैं। वर्षाकाल में मच्छरजनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जिला मलेरिया अधिकारी स्मृता नामदेव ने लोगों से अपील की है कि वे नियमित सफाई रखें, पानी जमा न होने दें और बर्तनों को हर तीन-चार दिन में साफ करें।

मऊगंज सहित सात शहरी क्षेत्रों में मिले डेंगू के मरीज

वर्षाकाल में दूषित पानी, दूषित भोजन से उल्टी दस्त का प्रकोप होता है। वर्षाकाल में घरों के आसपास जमा पानी, अनुपयोगी बर्तनों, टायरों आदि में जमा पानी में मच्छर पनपते हैं। इस संबंध में जिला मलेरिया अधिकारी स्मृता नामदेव ने कहा है कि घर के आसपास साफ-सफाई रखकर मच्छरजनित रोगों से बचाव करें।

घरों में गमले, पुराने टायरों, कूलर आदि में पानी जमा न होने दें। पानी एकत्रित करने वाले बर्तनों को तीन-चार दिन के अंतराल से साफ करते रहें। कूलर, फ्रिज की आईस ट्रे एवं पानी जमा होने के अन्य संभावित स्थलों की नियमित साफ-सफाई करें।

इनसे मच्छरों को पनपने का अवसर नहीं मिलेगा और डेंगू तथा मलेरिया का खतरा कम होगा। जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि डेंगू मच्छर जनित बीमारी है। डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। घरों के आसपास कूलर, पुराने टायर, टूटे बर्तनों आदि में पानी जमा न होने दें। इस संबंध में लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है।

रीवा शहर, गंगेव, सिरमौर, मऊगंज, गोविंदगढ़, त्योंथर, रायपुर कर्चुलियान में डेंगू के मरीज मिले हैं। यदि किसी घर में मच्छर काटने से मलेरिया का प्रकोप होता है तो उसका दूसरे स्थान पर संक्रमण नहीं होता है। लेकिन डेंगू पैदा करने वाले मच्छर एक व्यक्ति को काटने के बाद पूरे क्षेत्र में तेजी से प्रजनन करता है जिससे कई व्यक्तियों को डेंगू होने का खतरा होता है।

घरों में अनुपयोगी बर्तनों में पानी भरा होने पर ही यह मच्छर प्रजनन करता है। इसका मच्छर साफ पानी में प्रजनन करता है। इसलिए घर के गमलों, पुराने टायर, पानी संचित करने के पुराने बर्तनों में पानी जमा न होने दें। इससे डेंगू का खतरा समाप्त हो जाएगा।