यमन की जेल में फंसी भारतीय नर्स निमिषा, क्या है पूरा मामला जानिए
भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को यमन में एक नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है। क्या है पूरा मामला जानिए आज के एक्सप्लेनेर में।

बुधवार, 16 जुलाई को भारतीय मूल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा दी जानी थी लेकिन अब यह सजा टाल दी गई है। नर्स निमिषा पर यमन के एक नागरिक तलाल अब्दो महदी को जान से मारने का आरोप है। निमिषा 2017 से ही यमन की जेल में कैद है। 2020 में उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। जिसके बाद निमिषा ने सुप्रीम कोर्ट में माफ़ी के लिए अपील की थी। लेकिन 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने माफी खारिज कर दी और 30 दिसंबर 2024 को निमिषा की मौत की मंजूरी दे दी गई। वहीं कुछ एक्टिविस्ट ग्रुप और धार्मिक नेताओं ने इस मामले में दखल दिया, जिसके बाद निमिषा प्रिया की मौत की सजा स्थगित कर दी गई है।
क्या है पूरा मामला
बात है साल 2008 की, केरल के पलक्कड़ की रहने वाली 19 साल की निमिषा प्रिया नौकरी के लिए यमन जाती है। जहां उसे एक सरकारी अस्पताल में नौकरी मिल जाती है। 2011 में उसकी शादी कोच्चि के रहने वाले टॉमी थॉमस से हो जाती है, जिसके बाद वो अपने पति को भी यमन ले आती है। थॉमस यमन में ही इलेक्ट्रीशियन के असिस्टेंट की जॉब करता था, लेकिन उसकी सैलरी काफी कम थी। सैलरी कम होने और बेटी के जन्म के बाद 2014 में दोनों कोच्चि वापस लौट जाते हैं। आर्थिक तंगी के चलते निमिषा यमन में क्लिनिक खोलने का फैसला करती है। लेकिन नियम के अनुसार निमिषा को यमन के एक लोकल आदमी को बिजनेस पार्टनर बनाना जरूरी होता है। इस दौरान उसकी मुलाकात महदी से होती है। 2015 में निमिषा के साथ महदी भी भारत आता है जहाँ वो छुपके से निमिषा की शादी की एक फोटो चुरा लेता है और निमिषा को अपनी पत्नी होने का दावा करता है।
2016 में महदी निमिषा को ब्लैकमेल करना शुरू कर देता है। उसका यौन शोषण करता है और एडिटेड फोटो दिखाकर उसकी प्रॉपर्टी भी हड़प लेता है। निमिषा यमन से बाहर न जाए इसलिए महदी उसका पासपोर्ट भी हड़प लेता है। निमिषा परेशान होकर जब पुलिस के पास जाती है तो पुलिस महदी को पकड़ने के बजाय उसको ही 6 दिन के लिए जेल में बंद कर देती है, क्योंकि महदी पुलिस के सामने उसे अपनी पत्नी होने का दावा करता है। इस तरह निमिषा परेशान होकर महदी को मारने का प्लान बनाती है।
महदी से अपना पासपोर्ट लेने के लिए वो महदी को बेहोशी का इंजेक्शन लगा देती है, लेकिन उस पर कोई असर नहीं पड़ता। जिसकी वजह से वो ओवरडोज दे देती है, जिसकी वजह से उसकी मौत हो जाती है। इसके बाद निमिषा महदी के शरीर को कई टुकड़ों में काट कर पानी में फेंक देती है।
ब्लड मनी बचा सकती है निमिषा की जान
निमिषा की जान बचाने के लिए ब्लड मनी ही एक उम्मीद है। ब्लड मनी यमन में एक कांसेप्ट है जहां मर्डर के बदले माफ़ी के तौर पर पैसे देने होते हैं। अगर महदी के परिवार वाले महदी की जान की जगह पैसे एक्सेप्ट कर लेते हैं तो निमिषा की जान बच सकती है। लेकिन महदी के परिवार वालों ने ब्लड मनी लेने से साफ़ इनकार कर दिया है।
निमिषा को बचाने के लिए डिप्लोमैटिक लेवल पर कई कोशिशें की गईं। महदी के परिवार वालों को 10 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 8.5 करोड़ रुपए) भी दिए गए, लेकिन उन्होंने साफ़ मना कर दिया।
कैसे दी जाती है यमन में सजा
यमन में मौत की सजा फांसी लगाकर नहीं बल्कि गोली मारकर दी जाती है। पहले आरोपी को कंबल में लपेट कर उल्टा लटकाया जाता है, फिर एक डॉक्टर उसे बंदूक से उसके दिल पर गोली मारते हैं, फिर जल्लाद आरोपी के ऊपर कई गोलियां चलाता है। इसके अलावा यमन में मौत की सजा से पहले कोड़े मारना और पत्थर मारने का भी प्रावधान है।