जल जीवन मिशन में सामने आया एक और फर्जीवाड़ा

चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने टेंडर में बदले रेट फर्जी रिपोर्ट से किया करोड़ों का भुगतान, चीफ इंजीनियर ने कार्रवाई के लिए प्रमुख अभियंता को लिखा था पत्र

जल जीवन मिशन में सामने आया एक और फर्जीवाड़ा

जल जीवन मिशन में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। पीएचई के एक कार्यपालन यंत्री (ईई) ने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए ई-टेंडर में मिले रेट में हेराफेरी कर दी। इतना ही नहीं, सीपेट की फर्जी रिपोर्ट के आधार पर ठेकेदार को करोड़ों के पेमेंट भी कर दिए। इस आधार पर चीफ इंजीनियर आरएलएस मौर्य ने तत्कालीन प्रमुख अभियंता केके सोनगरिया को पत्र लिख कर जिम्मेदार ईई को सस्पेंड करने और मामले की विस्तृत जांच कराने का अनुरोध किया है।

मामला मुरैना जिले का है। इसकी परियोजना मंडल चंबल संभाग के अधीक्षण यंत्री की ओर से प्रस्तुत शुरुआती जांच रिपोर्ट के मुताबिक पीएचई ने 21 जनवरी 2022 को मुरैना के ग्राम टिकटोली टूमदार में रेट्रोफिटिंग योजना के तहत जल जीवन मिशन में 346.46 लाख रुपए का टेंडर जारी किया था। ब्लॉक लेवल पर प्रभारी कार्यपालन यंत्री (क्रिएटर) संतोषी लाल बाथम ने 11 अप्रैल 2022 को निविदा खोली थी। इसमें दंडोतिया कंस्ट्रक्शन कंपनी ने तय रेट से 16.11 फीसदी कम, मंगल दास बोरवेल ने 18.11 प्रतिशत कम और दीनदयाल तिवारी ने 17.50 फीसद कम दर पर काम करने का ऑफर दिया था। न्यूनतम ऑफर मंगल दास बोरवेल का था, लेकिन एसएल बाथम ने कूटरचना कर दीनदयाल तिवारी की 17.50 प्रतिशत कम दर को 19.49 फीसदी बिलो कर दिया। इस तरह वह न्यूनतम बोलीकर्ता हो गया। इसके बाद उससे अनुबंध कर लिया और वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया। यह प्रोजेक्ट अभी चल रहा है और ठेकेदार फर्म को 1.73 करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। इस तरह प्रभारी ईई एसएल बाथम ने सरकारी धन और पद का दुरुपयोग किया। 

फर्जी रिपोर्ट से 2.62 करोड़ का पेमेंट, कई बार लिखने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई 

परियोजना मंडल चंबल संभाग के अधीक्षण यंत्री ने इस साल फरवरी में भी एक जांच प्रतिवेदन दिया था। इसमें बताया था कि फर्जी सीपेट रिपोर्ट के आधार पर 2.64 करोड़ से अधिक का पेमेंट ठेकेदारों को किया गया है। इसके पहले भी सीपेट रिपोर्ट का सत्यापन किए बगैर ठेकेदारों को भुगतान किया गया। ऐसी सभी गड़बडिय़ों को लेकर परियोजना मंडल चंबल संभाग की ओर से ईएनसी ऑफिस को कई बार अद्र्ध शासकीय पत्र लिखे गए और बाथम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई। अब तक एक्शन नहीं लिया गया।

 ऑफर था 18.51 फीसदी कम का, इसे 4.89 प्रतिशत बिलो कर दिया

जांच रिपोर्ट के मुताबिक एसएल बाथम यही नहीं रुके। मुरैना के ही ग्राम बटेश्वरा में जल जीवन मिशन के तहत 398.28 लाख का टेंडर आठ फरवरी 2022 को जारी किया गया था। इसे बाथम ने 31 मार्च को खोला। इसमें सिंगल ऑफर प्रजाबंधु तिवारी का था। उन्होंने तय दर से 18.51 फीसदी कम में यह कार्य करने का प्रस्ताव दिया था। इसे भी बाथम ने कूटरचित दस्तावेज तैयार कर 4.89 प्रतिशत कम कर दिया। ऐसा कर ठेकेदार को काम शुरू करने के पहले करीब 54 लाख रुपए का फायदा पहुंचा दिया और उसे करीब एक करोड़ रुपए का रनिंग पेमेंट किया जा चुका है। इसी तरह 22 सितंबर, 2022 को जारी टेंडर में हेराफेरी कर स्वीकृति के लिए प्रस्तुत कर दिया था।