लोकसभा का मानसून सत्र: पहलगाम हमला से लेकर विमान हादसे तक होंगे बड़े मुद्दों पर चर्चा

21 जुलाई से शुरू हो रहे लोकसभा के मानसून सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें पहलगाम हमला और एयर इंडिया हादसा शामिल हैं। सत्र से पहले सरकार ने सभी दलों के सहयोग के लिए 20 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

लोकसभा का मानसून सत्र: पहलगाम हमला से लेकर विमान हादसे तक होंगे बड़े मुद्दों पर चर्चा

कल यानी 21 जुलाई से लोकसभा के मानसून सत्र की शुरुआत होने वाली है, जो कि पूरे एक महीने यानी 21 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने वाली है, जिनमें पहलगाम अटैक से लेकर एयर इंडिया विमान हादसा शामिल है। वहीं, विपक्ष भी अपने मुद्दों के साथ तैयार है।

सत्र की शुरुआत से पहले सर्वदलीय बैठक

संसद के आगामी मानसून सत्र की शुरुआत से पहले, आज 20 जुलाई को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक का उद्देश्य संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग लेना है। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू करेंगे।

लोकसभा के कितने सत्र होते हैं?

लोकसभा के कुल तीन सत्र होते हैं: बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र। बजट सत्र, जो हर साल फरवरी से मई तक चलता है। इस सत्र में सरकार पूरे साल का आम बजट पेश करती है और आर्थिक मामलों पर चर्चा होती है। इसमें टैक्स, सरकारी खर्चों और योजनाओं पर संसद की मंजूरी ली जाती है। मानसून सत्र, जो जुलाई से अगस्त के बीच होता है। इस सत्र में सरकार की ओर से लाए गए विधेयकों पर चर्चा की जाती है और कई बार महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे भी उठाए जाते हैं। आखिरी होता है शीतकालीन सत्र, जो नवंबर से दिसंबर के बीच होता है। यह सत्र अपेक्षाकृत छोटा होता है, लेकिन कई जरूरी विधेयक इसी दौरान पास किए जाते हैं। साथ ही इसमें देश के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर बहस होती है और सरकार से जवाबदेही तय की जाती है।

लोकसभा सत्र में क्या होता है?

लोकसभा के अलग-अलग सत्रों में अलग-अलग मुद्दों को लेकर पक्ष-विपक्ष में चर्चा होती है। विपक्ष सरकार से सवाल पूछता है। इसके साथ ही विधेयकों पर बहस और मतदान भी होता है।