MPNEWS: सत्ता-संगठन समन्वय के लिए नई व्यवस्था लागू,PWD मंत्री राकेश सिंह ने सुनी कार्यकर्ताओं की समस्या
मध्यप्रदेश भाजपा द्वारा शुरू की गई नई व्यवस्था में मंत्री रोजाना पार्टी कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं की समस्याएँ सुनेंगे, जिससे उनका संवाद और शिकायतों का समाधान तेजी से हो सकेगा।
भोपाल:अब कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र से जुड़े कार्यों के समाधान के लिए मंत्रियों के बंगले या मंत्रालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। और ना ही परेशान होना पडे़गा मध्यप्रदेश भाजपा ने नई व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत सोमवार से शुक्रवार तक रोजाना दो मंत्री दोपहर 1 से 3 बजे तक प्रदेश भाजपा कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयास करेंगे। सत्ता और संगठन के बीच बेहतर समन्वय के लिए गठित समन्वय टोली की बैठक में यह निर्णय लिया गया था, जिसकी शुरुआत 1 दिसंबर, सोमवार से हो गई है
मंत्रियों ने सुनी कार्यकर्ताओं की समस्याएँ
आज भोपाल में पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह और मंत्री दिलीप अहिरवार कार्यकर्ताओं की समस्याएँ सुनने के लिए भाजपा कार्यालय में मौजूद रहे। दोनों मंत्रियों ने दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक आने वाले कार्यकर्ताओं की समस्याएँ सुनीं। कई कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याएँ आवेदन पत्र में लिखकर मंत्रियों को सौंपीं।करीब दो घंटे तक भाजपा प्रदेश कार्यालय में कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या देखी गई और लगातार अपनी समस्याएँ रखने का क्रम जारी रहा।
कार्यकर्ताओं की समस्याएँ सुनना प्राथमिक दायित्व :राकेश सिंह
मध्यप्रदेश शासन के मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि कार्यकर्ताओं की भूमिकाएँ समय-समय पर बदलती रहती हैं कभी संगठन में, कभी सरकार में और कभी जनप्रतिनिधि के रूप में लेकिन उनकी मूल पहचान भाजपा कार्यकर्ता होने की ही रहती है। मंत्री होने के नाते उनका दायित्व है कि पार्टी कार्यालय आने वाले कार्यकर्ताओं की बात सुनकर उनकी जनसमस्याओं पर चर्चा की जाए। कार्यकर्ताओं की क्षेत्रीय समस्याओं का सहज समाधान हो सके, इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने मंत्रियों को नियमित रूप से पार्टी कार्यालय में समय देने का निर्णय लिया है। इसके तहत सभी मंत्रियों के लिए अलग-अलग दिन तय किए गए हैं।
रोज दो घंटे कार्यकर्ताओं से होगा संवाद
जिनमें वे प्रतिदिन दो घंटे कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य कार्यकर्ताओं से संवाद बढ़ाते हुए उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण करना है, क्योंकि कई बार क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिए उन्हें अनावश्यक परेशान होना पड़ता है। जब कार्यकर्ता अपनी बात सही मंच तक पहुँचा पाते हैं तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, और यह संवाद व्यवस्था न केवल संगठन को मजबूत बनाती है बल्कि कार्यकर्ताओं को यह भरोसा भी दिलाती है कि उनकी बात उचित स्तर तक पहुँच चुकी है।
sanjay patidar 
