भारी विरोध के बाद छत्तीसगढ़ सरकार का यू-टर्न, नई कलेक्टर गाइडलाइन के कई नियम बदले

भारी विरोध के बाद छत्तीसगढ़ सरकार का यू-टर्न, नई कलेक्टर गाइडलाइन के कई नियम बदले

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नई कलेक्टर गाइडलाइंस के बाद जमीनों की बढ़ी कीमतों के बीच सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने शहरों में लागू की गई नई दरों और वैल्यूएशन के प्रावधानों की समीक्षा करने का फैसला किया है। वहीं सेंट्रल वैल्यूएशन बोर्ड ने सभी जिलों से रिपोर्ट मांगी है। सेंट्रल वैल्यूएशन बोर्ड की मीटिंग के बाद इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन और सुपरिटेंडेंट ऑफ स्टैंप्स, छत्तीसगढ़, रायपुर ने नई रिवाइज्ड गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस में 6 बड़े बदलाव किए गए हैं। डिस्ट्रिक्ट वैल्यूएशन कमेटियों को 31 दिसंबर 2025 तक नए प्रपोजल सबमिट करने का निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में फैसला लिया कि नगरीय क्षेत्रों में 1400 वर्ग मीटर तक के भूखंडों की इंक्रीमेंटल आधार पर गणना की वर्तमान प्रणाली को समाप्त कर दिया जाए। अब पुनः पूर्व प्रचलित उपबंध लागू होंगे, जिसके तहत नगर निगम क्षेत्र में 50 डेसिमल, नगर पालिका में 37.5 डेसिमल और नगर पंचायत में 25 डेसिमल तक स्लैब दर से मूल्यांकन किया जाएगा। इस बदलाव से मूल्यांकन प्रक्रिया सरल होने के साथ ही पारदर्शिता भी बढ़ेगी। बहुमंजिला भवनों में फ्लैट, दुकान और कार्यालय के अंतरण पर सुपर बिल्ट-अप एरिया के आधार पर बाजार मूल्य की गणना का प्रावधान भी हटाया गया है। अब मूल्यांकन बिल्ट-अप एरिया के आधार पर किया जाएगा। यह प्रावधान मध्यप्रदेश शासन के समय से लागू था, जिसे बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। नए प्रावधान से वर्टिकल डेवलपमेंट को गति मिलेगी और शहरी भूमि का अधिक प्रभावी उपयोग सुनिश्चित होगा।

पूर्व CM बघेल बोले- जनता को बहुत कम राहत देने वाला सुधार

जमीन की दरों में नई गाइडलाइन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि जमीन की दरों में नई गाइडलाइन को लेकर पूर्व CM भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया X पर लिखा कि गाइड लाइन दरों में अभी सुधार कहां हुआ?। जैसा कि मैंने कहा था कि सरकार को गाइडलाइन की दरों संबंधी आदेश में सुधार करना पड़ा, लेकिन यह सुधार सतही है और जनता को बहुत कम राहत देने वाला है।

5-9 गुना बढ़े थे जमीनों के दाम

बता दें कि छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने 9 नवंबर को जमीन की दरों और रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी के बारे में निर्देश जारी किए थे। इससे जमीन की कीमतों में 5-9 गुना बढ़ोतरी हुई। 10 लाख रुपए की जमीन अचानक 70 लाख रुपए की हो गई थी। जिसके विरोध में राज्यभर में व्यापारियों और नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। दुर्ग में विरोध प्रदर्शन के दौरान, दुर्ग पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था। जमीन के व्यापारियों को सड़कों पर दौड़ा- दौड़ाकर पीटा था, जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे।