ग्वालियर-चंबल में BJP की गुटबाजी खुलकर आई सामने

ग्वालियर-चंबल में बीजेपी के भीतर की गुटबाजी खुलकर आई सामने सिंधिया की बैठक में नहीं पहुंचे सांसद

ग्वालियर-चंबल में BJP की गुटबाजी खुलकर आई सामने

ग्वालियर: चंबल संभाग की राजनीति में इन दिनों बीजेपी के भीतर की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है। एक तरफ जहां केंद्रीय मंत्री और शिवपुरी गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार ग्वालियर के विकास कार्यों पर कलेक्ट्रेट में अफसरों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे हैं। उनकी दूसरी बैठक में भी स्थानीय सांसद भरत सिंह कुशवाहा के गैर मौजूद रहने से  सियासी गुटबाजी उजागर हो गई है। यह दूसरा मौका रहा जब केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कलेक्ट्रेट सभागार में शहर विकास से जुड़ी योजनाओं को लेकर 3 घंटे की मैराथन बैठक ली लेकिन इस बैठक में स्थानीय सांसद भारत सिंह कुशवाहा नजर नहीं आए। जिस समय सिंधिया की बैठक ग्वालियर में चल रही थी उस समय ग्वालियर के सांसद भारत सिंह कुशवाहा शिवपुरी जिले के चुना खो मंदिर में वृक्षारोपण के बाद शिवपुरी के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे इस दौरान वहां दाल बाटी चूरमा की दावत भी हुई।

दरअसल बीजेपी की राजनीति में भारत सिंह को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का कट्टर समर्थक और करीबी माना जाता है। उन्हें इस बात से हमेशा आपत्ति रहती है कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया अपने संसदीय क्षेत्र के अलावा उनके संसदीय क्षेत्र यानी ग्वालियर में विकास कार्यों के मामले में दखल क्यों देते हैं। हालांकि वह खुलकर इस मुद्दे पर मीडिया के सामने नहीं आते लेकिन संकेत में हमेशा कहते हैं कि उन पर पीएम मोदी और केंद्रीय नेतृत्व का आशीर्वाद है। जनता ने उन्हें ग्वालियर का सांसद चुना है तो अपने संसदीय क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी उनकी है। खास बात यह है कि जिले के अधिकारी सांसद कुशवाहा के बुलावे पर बैठक में उनकी भी सुनते हैं और सिंधिया की बैठक में उन्हें भी पूरी तरह से तवज्जो देते हैं। अब यह पार्टी नेतृत्व को तय करना है कि ग्वालियर के विकास की कमान स्थानीय सांसद भारत सिंह कुशवाहा को संभालती है या फिर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ग्वालियर के विकास के लिए आला नेतृत्व की तरफ से अंदरखाने तैनात कर दिये गये हैं। फिलहाल जनप्रतिनिधियों की आपसी रस्साकशी में अधिकारी अपने दोनों हाथों में लड्डू रखकर मजे ले रहे हैं जबकि जनता तय नहीं कर पा रही कि उनका असली खैरख्वाह कौन है।