पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 91 वर्ष की उम्र में निधन
लंबे समय से बीमार थे और 2008 मुंबई हमलों के दौरान देश के गृह मंत्री के रूप में सेवा कर चुके थे।
Shivraj Patil Passes Away: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल चाकुरकर का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। 12 दिसंबर की सुबह 6:30 बजे लातूर में उन्होंने अपने घर ‘देवघर’ में आखिरी सांस ली। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे, जिसकी वजह से उनका इलाज भी चल रहा था। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री रह चुके शिवराज पाटिल कांग्रेस के सीनियर नेता थे। 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के दौरान देश के गृह मंत्री शिवराज पाटिल ही थे।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवराज पाटिल जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है और पार्टी के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 12, 2025
जनसेवा के प्रति उनका समर्पण, राष्ट्र के लिए उनके योगदान हमेशा याद किए जाएंगे।
इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं पूरे पाटिल परिवार, उनके…
कौन थे शिवराज पाटिल चाकुरकर?
शिवराज पाटिल महाराष्ट्र के लातूर के चाकुर क्षेत्र से रहने वाले थे। उन्हें महाराष्ट्र के सबसे प्रभावशाली लोगों में गिना जाता था। वे लातूर लोकसभा से सात बार चुने गए थे। 2004 में उन्हें राज्यसभा से गृह मंत्री का पद मिला। 2008 में हुए मुंबई आतंकवादी हमले के समय शिवराज पाटिल देश के गृह मंत्री थे, जिसके बाद उन्होंने गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

आमदार, खासदार, महाराष्ट्र विधानसभेचे माजी अध्यक्ष, लोकसभेचे माजी सभापती, माजी केंद्रीय गृहमंत्री, देशाचे संरक्षणमंत्री, पंजाबचे माजी राज्यपाल अशा विविध भूमिका समर्थपणे सांभाळत आपल्या प्रदीर्घ राजकीय कारकिर्दीला प्रतिष्ठा मिळवून देणारे ज्येष्ठ नेते शिवराज पाटील चाकूरकर यांच्या… pic.twitter.com/9MHYsDhOK1
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) December 12, 2025
शिवराज पाटिल के निधन से देश भर में शोक की लहर है। कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं और मंत्रियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। महाराष्ट्र में स्थित उनके घर पर लोगों के आने का सिलसिला जारी है।
शिवराज पाटील चाकूरकर भारतीय राजनीति के उन विरल नेताओं में से थे जिन्होंने अपनी शालीनता, संयम और संवैधानिक समझ से सार्वजनिक जीवन को एक नई गरिमा दी। लातूर जिले के चाकूर गांव से निकलकर वे देश की सर्वोच्च संवैधानिक भूमिकाओं तक पहुँचे। लोकसभा अध्यक्ष (1991–1996) के रूप में उन्होंने… pic.twitter.com/yzXIHFYN9P
— Ramdas Athawale (@RamdasAthawale) December 12, 2025

