स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 पुरस्कार : राष्ट्रपति मुर्मू 17 जुलाई को भारत के सबसे स्वच्छ शहरों को करेंगी सम्मानित
स्वच्छ सर्वेक्षण अब अपने 9वें साल में पहुंच चुका है और यह दुनिया का सबसे बड़ा शहरी सफाई सर्वेक्षण बन चुका है। इस साल 14 करोड़ से ज्यादा नागरिकों ने आमने-सामने बातचीत, स्वच्छता ऐप, MyGov और सोशल मीडिया के जरिये इसमें भाग लिया। इससे इस अभियान की व्यापकता और असर साफ दिखता है।

इस कार्यक्रम के होस्ट आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs - MoHUA) है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और राज्य मंत्री टोखन साहू भी उपस्थित रहेंगे।
इस बार कुल 78 पुरस्कार चार बड़ी श्रेणियों में दिए जाएंगे। ये पुरस्कार उन शहरों को मिलेंगे जिन्होंने शहरी सफाई और लोगों की भागीदारी में कड़ी मेहनत की है। ये सम्मान स्वच्छ भारत मिशन–शहरी (SBM–U) के तहत दिए जा रहे हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण अब अपने 9वें साल में पहुंच चुका है और यह दुनिया का सबसे बड़ा शहरी सफाई सर्वेक्षण बन चुका है। इस साल 14 करोड़ से ज्यादा नागरिकों ने आमने-सामने बातचीत, स्वच्छता ऐप, MyGov और सोशल मीडिया के जरिये इसमें भाग लिया। इससे इस अभियान की व्यापकता और असर साफ दिखता है।
इस वर्ष के पुरस्कार चार प्रमुख श्रेणियों में हैं:
इस साल पुरस्कार चार तरह की श्रेणियों में दिए जा रहे हैं:
- सुपर स्वच्छ लीग (SSL) – ऐसे शहर जो हर साल टॉप में रहे हैं
- टॉप 3 शहर – हर जनसंख्या वर्ग (छोटे से बड़े शहरों तक) में सबसे साफ़ 3 शहर
- खास पुरस्कार – गंगा किनारे के शहर, सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा, छावनी इलाके और महाकुंभ जैसे आयोजकों के लिए
- राज्य-स्तरीय पुरस्कार – हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश से एक अच्छा प्रदर्शन करने वाला स्वच्छ शहर
इस वर्ष सर्वे करने का तरीका (Assessment Framework)
शहरों की जनसंख्या के हिसाब से अलग-अलग श्रेणियाँ बनाई गईं, ताकि सभी को बराबरी का मौका मिल सके :
जनसंख्या वर्ग |
श्रेणी |
20,000 से कम |
बहुत छोटे शहर (Very Small Cities) |
20,000 – 50,000 |
छोटे शहर (Small Cities) |
50,000 – 3 लाख |
मध्यम शहर (Medium Cities) |
3 लाख – 10 लाख |
बड़े शहर (Big Cities) |
10 लाख से अधिक |
मिलियन-प्लस शहर (Million-Plus Cities) |
इस बार 45 दिनों तक चले सर्वे में :
- 3,000 से ज़्यादा प्रशिक्षित लोगों ने सर्वे करने में हिस्सा लिया
- 11 लाख से अधिक घरों से जानकारी जुटाई गई
- 10 मापदंडों और 54 बिंदुओं के आधार पर साफ-सफाई का आकलन किया गया
- सर्वे की मुख्य सोच थी: कम करना, फिर से इस्तेमाल करना, और चीज़ों को दोबारा काम में लाना (Reduce, Reuse, Recycle)
एक बदलाव लाने वाली पहल:
2016 में सिर्फ 73 शहरों से शुरू हुआ स्वच्छ सर्वेक्षण आज 4,500 से भी ज़्यादा शहरों तक पहुँच गया है। यह भारत के शहरों में सफाई की आदतें और तरीके बदलने वाली एक जबरदस्त पहल बन गई है।
राष्ट्रपति से स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार लेने आज दिल्ली रवाना होंगे मेयर-कमिश्नर
स्वच्छता सर्वेक्षण-2024 में भोपाल देश के सबसे साफ शहरों में टॉप-3 पर है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू पुरस्कार देंगी। निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने बताया, भोपाल ने 3 पायदान छलांग लगाई है और देश में दूसरे नंबर पर आया है। इसलिए जश्न भी भव्य तरीके से करेंगे। स्वच्छता मित्रों और जनता के साथ जश्न मनाएंगे। लड्डू भी बांटे जाएंगे। इधर, पुरस्कार लेने के लिए मेयर मालती राय और निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण आज बुधवार को दिल्ली के रवाना होंगे। 17 जुलाई को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में एक आयोजन होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू करेंगी।
सबसे स्वच्छ राजधानी का तमगा मिलने की उम्मीद: स्वच्छ सर्वेक्षण में इस बार भी मध्यप्रदेश के शहर बाजी मारेंगे। राजधानी भोपाल देश के सबसे स्वच्छ शहरों में दूसरे नंबर पर रहेगा। साथ ही सबसे स्वच्छ राजधानी का तमगा भी फिर मिलने की उम्मीद है।
पिछली बार पांचवें नंबर पर था भोपाल
पिछले सर्वे में भोपाल 5वें नंबर पर था। कचरे की प्रोसेसिंग में सुधार व डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था को और पुख्ता कर भोपाल ने दावा मजबूत किया है। वहीं, फरवरी में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) की वजह से भी भोपाल को फायदा मिलेगा। जीआईएस के चलते राजधानी में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के काम शहर में हुए हैं। इसमें स्वच्छता से जुड़े काम भी शामिल थे। इसी दौरान स्वच्छता सर्वेक्षण टीमें भी भोपाल पहुंची थी। इसलिए दावा मजबूत है।
स्वच्छ सर्वेक्षण में भोपाल का अब तक का सफर: स्वच्छ सर्वेक्षण में भोपाल ने 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरी रैंक हासिल की थी। 2019 में भोपाल खिसककर 19वें नंबर पर आ गया था। उस समय अफसरों के लगातार तबादले के कारण तैयारियों की दिशा ही तय नहीं हो पाई थी, लेकिन 2020 में कम बैक करते हुए 12 पायदान ऊपर खिसका और 7वीं रैंक हासिल की। 2021 के सर्वेक्षण में भी भोपाल ने 7वां स्थान हासिल किया था। 2022 के सर्वेक्षण में भोपाल की रैंक सुधरी और यह छठवें स्थान पर आ गया। वहीं, भोपाल को 5 स्टार मिला। 2023 के सर्वेक्षण में पांचवीं रैंकिंग रही थी।