राजधानी के पुलिस अफसर पीएचक्यू के निर्देश को दिखा रहे अंगूठा

पीएचक्यू के आदेश को अंगूठा दिखाने का राजधानी पुलिस की कार्यप्रणाली का महज एक नमूना है। दागी अफसर अकेले राजधानी में नहीं, प्रदेश के दीगर जिलों के कई थानों में भी जमा हैं। उन पर कार्रवाई करने में अफसर असहाय नजर आ रहे हैं।

राजधानी के पुलिस अफसर पीएचक्यू के निर्देश को दिखा रहे अंगूठा

भोपाल के श्यामलाहिल्स थाना प्रभारी सुनील शर्मा की विभागीय जांच चल रही है। यह जांच जुआ पकडऩे के एक मामले से जुड़ी है। जब वे छतरपुर में थाना प्रभारी थे, तब उन्होंने जुए की फड़ पर रेड की थी। छापामार कार्रवाई के दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों यानी अपने स्टॉफ को साथ नहीं लिया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने यह कार्रवाई निजी तौर पर की थी। वे कार्रवाई के लिए अपनी जान-पहनान के निजी लोगों (प्राइवेट पर्सन) को साथ लेकर गए थे। 


पुलिसकर्मियों को साथ नहीं लेने के कारण उनकी कार्रवाई को संदेह के घेरे में माना गया। इस गुनाह की विभागीय जांच (डीई) चल रही है, इसलिए उन्हें थाने से रुखसत कर दिया गया। यह कार्रवाई नगरीय पुलिस ने की है। इसके इतर, भोपाल के देहात इलाके में कई थाना प्रभारी हैं, जिनके दामन पर दाग है, उनकी भी जांच चल रही है, लेकिन वे थाना प्रभारी के पद पर जमे हुए हैं। ऐसा इसलिए कि वे आला अफसरों के चहेते हैं और अफसर भी उन पर मेहरबान हैं। लिहाजा उन्हें हटाने के लिए आला अफसर अपनी कलम नहीं चला पा रहे हैं। कुछ थाना प्रभारियों के राजनीतिक रसूख के आगे भी आला अफसर खुद को बौना पा रहे हैं।


पीएचक्यू के आदेश को अंगूठा दिखाने का राजधानी पुलिस की कार्यप्रणाली का महज एक नमूना है। दागी अफसर अकेले राजधानी में नहीं, प्रदेश के दीगर जिलों के कई थानों में भी जमा हैं। उन पर कार्रवाई करने में अफसर असहाय नजर आ रहे हैं। यह स्थिति तब है, जब पीएचक्यू ने 17 जून 2025 को आदेश जारी कर साफ तौर लिखा है कि जिन पुलिस अफसरों की विभागीय जांच चल रही है, उन्हें थाना प्रभारी के पद पर नहीं रखा जाएगा। उसके बाद नगरीय पुलिस के अफसरों ने थोड़ा साहस दिखाकर चार थाना प्रभारियों को बदला है। इनमें श्यामलाहिल्स थाना प्रभारी सुनील शर्मा के अलावा छोला मंदिर थाना प्रभारी सुरेश चंद्र नागर, जहांगीराबाद थाना प्रभारी आशुतोष उपाध्याय और टीटीनगर थाना प्रभारी मान सिंह चौधरी शामिल हैं। उनसे पहले मिसरोद थाना प्रभारी मनीषराज सिंह भदौरिया भी जांच के चलते हटाए गए थे। उनके अलावा भी नगरीय पुलिस भोपाल में कई अफसर अभी भी थाना प्रभारी के पद जमे हुए हैं, जिनकी जांच चल रही है।


कोलार और बैरागढ़ टीआई पर भी दाग
शहर के बैरागढ़ और कोलार थाना प्रभारी की भी जांच चल रही है। बैरागढ़ थाना प्रभारी अशोक गौतम के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। जब वे भिंड में थाना प्रभारी थे, तब उन्होंने वाहन चोर को पकड़ा था। उसे लेकर थाने जा रहे थे, तब उसने गाड़ी से कूदकर तालाब में छलांग लगा दी थी। हादसे में चोर की मौत हो गई थी। इस मामले की जांच अभी चल रही है। कोलार थाना प्रभारी अमित सोनी का मामला भी भिंड का है। उनके थाना प्रभारी रहते हुए एक मर्ग कायम हुआ था, लेकिन एफआईआर करने में उन्होंने देरी की थी। इसको लेकर उनकी अभी जांच चल रही है। चार थाना प्रभारियों को हटाया गया, लेकिन दो पर आंच नहीं आने दी गई है।


क्या था पीएचक्यू का निर्देश
पीएचक्यू ने 17 जून 2025 को आदेश जारी किया था। यह आदेश भोपाल-इंदौर के पुलिस कमिश्नर और सभी जिलों के एसपी को भेजा गया था। आदेश में लिखा था, आपराधिक प्रकरण एवं विभागीय जांच में संलिप्त अधिकारियों की थानों में पदस्थापना के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन देखने में यह आ रहा कि पुलिस इकाइयों में उनका कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में आपको पुन: निर्देशित किया जाता है कि जिन पुलिस अफसरों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण विवेचना में हैं अथवा अभियोजन में लंबित हैं (दुर्घटना प्रकरण को छोड़कर) और जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार, नैतिक अधोपतन, शारीरिक हिंसा एवं अवैध निरोध संबंधी आरोपों पर विभागीय जांच लंबित है, उन्हें पुलिस थानों, क्राइम ब्रांच अथवा किसी अधिकारी के कार्यालय में कार्य के लिए तैनात नहीं किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक के इस आदेश का राजधानी में ही पालन नहीं हो रहा है। कारण यह कि थाना प्रभारी अपने आला अफसरों के चहेते हैं।


देहात टीआई चौधरी-वर्मा के गुनाहों की भी चल रही जांच
सुखी सेवनिया थाना प्रभारी रामबाबू चौधरी की विभागीय जांच भी चल रही है। चौधरी जब बिलखिरिया में थाना प्रभारी थे, तब एक महिला ने उन पर घूस लेने का आरोप लगाया था। इस शिकायत की जांच एसपी देहात के अधीन चल रही है। विभागीय जांच वाले अफसरों को हटाने का आदेश जारी हुए तकरीबन एक महीना होने को आया है, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई है। गुनगा थाना प्रभारी हरि सिंह वर्मा पर कोरोना काल में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर गंभीर आरोप लगे थे। उनकी पदस्थापना जब नगरीय पुलिस भोपाल में थी, यह दास्तान तब की है। उसकी अभी जांच चल रही है, लेकिन थाना प्रभारी के पद पर आसीन हैं, क्योंकि अफसर उन पर मेहरबान हैं। भोपाल देहात पुलिस के आला अफसरों की मेहरबानी ईटखेड़ी थाना प्रभारी आशीष सप्रे पर भी है। सप्रे पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है। उनकी भी विभागीय जांच चल रही है। हटाने की बजाय अफसर उन्हें बचाने की कोशिश में लगे हुए हैं।