BRICS सम्मेलन 2024: देशों को अमेरिका की धमकी, पहलगाम हमले की निंदा
रविवार 6 जुलाई को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में 17वां BRICS सम्मेलन हुआ, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका सहित कुल 10 देशों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन की खास बात यह रही कि इस सम्मेलन में भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था की तारीफ हुई। इसके साथ ही इस सम्मेलन में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भी काफी निंदा हुई।

रविवार 6 जुलाई को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में 17वां BRICS सम्मेलन हुआ, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका सहित कुल 10 देशों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन की खास बात यह रही कि इस सम्मेलन में भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था की तारीफ हुई। इसके साथ ही इस सम्मेलन में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की भी काफी निंदा हुई। BRICS के सदस्य देशों ने मिलकर बढ़ते आतंकवादी हमलों के खिलाफ निंदा की। वहीं ट्रंप ने BRICS सदस्यों को धमकी देते हुए कहा कि जो भी देश BRICS का समर्थन करता है या अमेरिका विरोधी नीतियों का साथ देता है, उन पर 10% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया जाएगा।
BRICS सम्मेलन की शुरुआत
इस बार BRICS सम्मेलन की मेज़बानी ब्राजील ने की थी। BRICS सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है। इस बार BRICS का 17वां सम्मेलन था। BRICS की स्थापना 2009 में हुई, जब ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया। पहले इस सम्मेलन में सिर्फ 4 ही सदस्य थे: ब्राज़ील, रूस, इंडिया और चीन। 2010 में दक्षिण अफ्रीका का सम्मिलन हुआ और इसे "BRICS" नाम दिया गया। वर्तमान में इस संगठन में कुल 10 देश शामिल हैं, जिनमें ब्राज़ील, रूस, इंडिया, चीन, साउथ अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, और इंडोनेशिया शामिल हैं। सऊदी अरब, अभी तक आधिकारिक सदस्य नहीं बना है, लेकिन इसमें भाग लेता आया है।
BRICS का उद्देश्य इनमें शामिल देशों की आर्थिक स्थिति को बढ़ावा देना ताकि सभी देशों का तेजी से विकास हो सके, साथ ही वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति और मजबूत करना। BRICS में शामिल देश बहुध्रुवीय विश्व (Multipolar World) का समर्थन करते हैं, जिसका मतलब है कि पूरी शक्तियाँ सिर्फ एक देश के पास नहीं होनी चाहिए। बल्कि शक्तियों का बंटवारा सभी देशों में समान रूप से होना चाहिए ताकि कोई भी एक देश अपना प्रभुत्व या दबाव किसी एक देश पर न जमा सके।
आतंकवाद की निंदा
इस बार के सम्मेलन में मुख्य रूप से आतंकवाद पर बैठक की गई। इस सम्मेलन में सदस्य देशों ने 31 पेज और 126 पॉइंट वाला एक जॉइंट घोषणा पत्र जारी किया था, जिसमें मुख्य रूप से पहलगाम आतंकी हमले और ईरान पर इजराइली हमले की निंदा की गई थी। बता दें कि इससे पहले 1 जुलाई को हुए QUAD ग्रुप में भी विदेश मंत्रियों ने अप्रैल में हुए पहलगाम हमले की निंदा की थी।
BRICS देशों को अमेरिका की धमकी
इसी बीच ट्रंप ने BRICS में शामिल देशों को धमकी तक दे डाली है। ट्रंप का कहना है कि जो भी देश BRICS का समर्थन करेगा या अमेरिका विरोधी नीतियों को बढ़ावा देगा, उस पर अमेरिका 10% का एक्स्ट्रा टैरिफ लगाएगा। बता दें कि यह बयान BRICS सम्मेलन में हुए ईरान पर अमेरिका और इज़राइल के हमलों की निंदा के बाद आया है। BRICS के सदस्य देशों ने ईरान पर इज़राइल और अमेरिका के हमलों की साफ निंदा की, जिसके बाद अमेरिका BRICS सदस्यों का विरोध कर रहा है। ऐसे में भारत के लिए भी यह चेतावनी साफ है।