इंडियन AI एक्सपर्ट ट्रैपिट बंसल को META ने 854 करोड़ के पैकेज पर किया हायर, जानें कौन हैं Trapit
इंडियन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्सपर्ट ट्रैपिट बंसल ने मेटा की सुपरइंटेलिजेंस लैब्स में शामिल होकर वैश्विक टेक जगत को चौंका दिया है.

इंडियन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्सपर्ट ट्रैपिट बंसल ने मेटा की सुपरइंटेलिजेंस लैब्स में शामिल होकर वैश्विक टेक जगत को चौंका दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक मेटा ने उन्हें 854 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड तोड़ पैकेज के साथ अपनी टीम में शामिल किया है. ये अब तक का सबसे बड़ा टेक साइनिंग अमाउंट माना जा रहा है.
आखिर कौन हैं ट्रैपिट बंसल
एक असाधारण शुरुआत ट्रैपिट बंसल का सफर 2012 में गुरुग्राम में एक्सेंचर मैनेजमेंट कंसल्टिंग में एक एक्सपर्ट के रूप में शुरू हुआ. इसके बाद, उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) बेंगलुरु में दो साल से ज्यादा समय तक रिसर्च असिस्टेंट के तौर पर काम किया, जहां उन्होंने बायेसियन मॉडलिंग और अनुमान विधियों पर रिसर्ट की.
ट्रैपिट ने IIT कानपुर से मैथ्स और स्टेटिस्टिक्स में ग्रेजुएशन और मास्टर डिग्री हासिल की. इसके बाद, उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट से कंप्यूटर विज्ञान में मास्टर और PhD पूरी की. इस दौरान, उन्होंने डीप लर्निंग, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP), और मेटा-लर्निंग जैसी चीजों में रिसर्च की. पढ़ाई के साथ-साथ, उन्होंने फेसबुक, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई जैसी दिग्गज कंपनियों में इंटर्नशिप की, जहां उन्होंने AI की अत्याधुनिक तकनीकों पर काम किया.
OpenAI में बनाई पहचान
साल 2022 में ट्रैपिट बंसल ओपनएआई में तकनीकी स्टाफ के सदस्य के रूप में शामिल हुए. यहां उन्होंने ओपनएआई के सह-संस्थापक इल्या सुत्सकेवर के साथ मिलकर काम किया और 'o1' नामक पहले AI रीजनिंग मॉडल के सह-निर्माण में अहम भूमिका निभाई. इस मॉडल ने चैटजीपीटी की तार्किक क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. टेकक्रंच ने उन्हें 'अत्यधिक प्रभावशाली शोधकर्ता' का दर्जा दिया, और उनकी उपलब्धियों ने वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोरीं.
मेटा में नई शुरुआत
जुलाई 2025 में ट्रैपिट ने X पर ऐलान किया, 'मेटा में शामिल होने के लिए उत्साहित हूं! सुपरइंटेलिजेंस अब नजरों में है!' मेटा की सुपरइंटेलिजेंस लैब्स, जिसका नेतृत्व नैट फ्राइडमैन (पूर्व गिटहब सीईओ) और एलेक्जेंडर वांग (पूर्व स्केल AI सीईओ) कर रहे हैं, का मकसद आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) विकसित करना है. प्रतिभा युद्ध में मेटा की जीत? मेटा के CEO मार्क जुकरबर्ग ने AI के क्षेत्र में अपनी कंपनी को शीर्ष पर लाने के लिए आक्रामक भर्ती शुरू की है. ओपनएआई के CEO सैम ऑल्टमैन ने मेटा पर उनके शीर्ष शोधकर्ताओं को 100 मिलियन डॉलर के बोनस का लालच देने का आरोप लगाया था. ट्रैपिट बंसल के साथ-साथ लुकास बेयर, एलेक्जेंडर कोलेसनिकोव, और जियाओहुआ झाई जैसे अन्य शोधकर्ताओं के मेटा में शामिल होने से साफ है कि जुकरबर्ग की रणनीति काम कर रही है.
क्या मेटा बदलेगा खेल?
मेटा के पास अभी तक ओपनएआई के GPT-4o या डीपमाइंड के जेमिनी जैसे उन्नत रीजनिंग मॉडल नहीं हैं. लेकिन ट्रैपिट बंसल जैसे एक्सपर्ट्स की भर्ती से मेटा को अपनी AGI महत्वाकांक्षाओं को तेज करने की उम्मीद है. बंसल की विशेषज्ञता, जो सिस्टम को सोचने, योजना बनाने, और भौतिक दुनिया को समझने में सक्षम बनाने में है, मेटा के अगली पीढ़ी के AI मॉडल को आकार दे सकती है. सिर्फ पैसा नहीं, भविष्य की नींव 854 करोड़ रुपये का पैकेज भले ही सुर्खियों में हो, लेकिन ट्रैपिट बंसल की कहानी सिर्फ वित्तीय सफलता की नहीं है. यह जिज्ञासा, अनुशासन, और दूरदर्शिता की कहानी है, जो दिखाती है कि भारत का एक साधारण छात्र कैसे वैश्विक टेक जगत में छा सकता है. उत्तर प्रदेश से निकलकर IIT कानपुर और फिर मेटा तक का उनका सफर लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है.
ट्रैपिट का अगला कदम?
ट्रैपिट बंसल का मेटा में शामिल होना न केवल उनके लिए एक बड़ी छलांग है, बल्कि AI की दुनिया में एक नया अध्याय भी शुरू कर सकता है. क्या मेटा उनके नेतृत्व में ओपनएआई और गूगल को पछाड़ देगा? यह सवाल अभी अनुत्तरित है, लेकिन बंसल की प्रतिभा और मेटा की महत्वाकांक्षा इस दौड़ को और रोमांचक बना रही है.