हाईकोर्ट ने सामूहिक बलात्कार के दोषियों की अपील खारिज की, 9 आरोपियों की उम्रकैद बरकरार!

बिलासपुर हाईकोर्ट ने दो नाबालिग बहनों के सामूहिक बलात्कार मामले में 9 दोषियों की उम्रकैद बरकरार रखी.

हाईकोर्ट ने सामूहिक बलात्कार के दोषियों की अपील खारिज की, 9 आरोपियों की उम्रकैद बरकरार!

बिलासपुर हाईकोर्ट ने दो नाबालिग अनुसूचित जाति की बहनों के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के मामले में निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए 9 दोषियों की अपीलें खारिज कर दी हैं। इन सभी आरोपियों को विशेष न्यायालय ने नाबालिगों के अपहरण, बलात्कार, धमकी और POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्ता गुरु की पीठ ने स्पष्ट किया-

क्या था पूरा मामला 
याचिकाकर्ताओं में अजय वर्मा उर्फ छोटू, शिवम वर्मा उर्फ मोनी, सोहन ध्रुव, राजेंद्र कुमार डहरिया उर्फ लाला डहरिया, राजेंद्र डायमंड, उकेश उर्फ राकेश डहरिया, कमलेश उर्फ रॉकी घृतलहरे, गोपी साहू, पीयूष वर्मा उर्फ मिंटू और जगन्नाथ यादव उर्फ मोनी शामिल थे। इन्होंने बलौदाबाजार के विशेष न्यायाधीश (अत्याचार निवारण) द्वारा 10 मार्च 2021 को दिए गए फैसले के खिलाफ अपील की थी।

घटना 30 मई 2020 की है। कमलेश घृतलहरे और गोपी साहू ने दो नाबालिग बहनों को उनके अभिभावकों की अनुमति के बिना घर से बाहर बुलाया। जब वे लौट रही थीं, तो अन्य छह आरोपियों ने उन्हें रास्ते में रोककर उनके साथ रेप किया। आरोपी राजेंद्र डहरिया ने इस घटना का वीडियो अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया, जिसका इस्तेमाल बाद में पीयूष वर्मा ने धमकी देने और ब्लैकमेल करने के लिए किया। 

इस मामले में 2 जुलाई 2020 को FIR दर्ज की गई थी। जांच के दौरान पुलिस ने मोबाइल फोन, वीडियो साक्ष्य, मेडिकल परीक्षण और गवाहों के बयान एकत्र किए।

हाईकोर्ट ने सभी सबूतों और दलीलों पर विचार करने के बाद निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है, जिससे इस गंभीर अपराध में शामिल सभी दोषियों को न्याय मिला है।