बाढ़ में फंसा रहा वाहन, समय पर नहीं मिली मदद,अस्पताल पहुंचने से पहले गर्भवती महिला की दर्दनाक मौत
मध्य प्रदेश के रीवा जिले की जवा तहसील के ग्राम भनिगवां में भारी बारिश और बाढ़ के कारण गर्भवती महिला प्रियारानी कोल की दर्दनाक मौत हो गई। 8-9 माह की गर्भवती प्रियारानी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में नदी उफान पर होने से वाहन पुल पर फंस गया। लगभग 3-4 घंटे तक तड़पने के बाद महिला ने दम तोड़ दिया

रीवा। जिले के जवा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बरहठा के ग्राम भनिगवां में भारी बारिश के कारण एक गर्भवती महिला की मौत अस्पताल पहुंचने से पहले हो गई।
बताया जा रहा है कि प्रसव पीड़ा के बाद गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाते समय बारिश हो जाने के कारण अचानक से रपटा पुल का जल स्तर बढ़ गया जिससे महिला को ले जा रहा वाहन फंस गया और करीब 3 से 4 घंटे तक वाहन वहां फसा रहा जिससे महिला की तड़प तड़प कर मौत हो गई।
घटना के संंबंध में मिली जानकारी के मुताबिक भनिगंवा गांव की रहने वाली प्रिया रानी कोल पति सोनू कोल अपने मायके में थी। महिला गर्भवती थी अचानक दर्द आने पर परिजन उसे जवा अस्पताल लेकर जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में महना नदी तेज उफान में थी, सभी लोग नदी के एक तरफ ही अटके रहे।
इसी दौरान करीब तीन-चार घंटे तक प्रियारानी कोल कराहती रही और तड़प तड़प कर उसकी मौत हो गई। बताया गया कि इस दौरान गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर को बुलाया गया जिसने महिला को मृत घोषित कर दिया। बताया गया कि मृतका मायके में थी जहां से ससुराल जाने के लिए उसके शव को 40 किलों मीटर का सफर तय करना पड़ा।
मृतका प्रियारानी की मां का कहना है कि प्रियारानी के पहले से एक बेटा है। मृतका 8 से 9 माह की गर्भवती थी। बाढ़ के चलते अस्पताल पहुंचने में काफी दिक्कतें आई और ज्यादा तबीयत खराब होने से प्रियारानी की मौत हो गई। ससुर ने बताया कि बाढ़ के चलते उफान आने के कारण परिवार करीब 40 किलोमीटर का चक्कर काटकर महिला के शव को मायके से ससुराल लेकर आया।
ससुराल में रोड न होने के कारण वह मायके चली गई थी, सोचा था कि मायके में सुरक्षित डिलीवरी हो जाएगी। लेकिन पहले नदी में बाढ़ के चलते वह अस्पताल नहीं पहुंच पाई और फिर उसके शव को बड़ी मुश्किल से ससुराल ले जाकर उसका अंतिम संस्कार कराया गया।
ससुराल में सड़क न होने के चलते सुरक्षित डिलीवरी के लिए महिला आई थी मायके
बता दे बारिश के दिनों में उसे डिलीवरी के लिए अस्पताल जाने में ज्यादा कठिनाई न हो इसके लिए वह कुछ दिन पूर्व ही ससुराल से 30 किलोमीटर दूर अपने मायके चली आई थी, क्योंकि ससुराल से अस्पताल जाने के लिए अच्छी सड़क और साधन नहीं था।
वह चाहती थी सुरक्षित डिलीवरी हो जाए, लेकिन यहां भी बदतर व्यवस्था ने पीछा नहीं छोड़ा। बारिश से बाढ़ आने पर महिला अस्पताल तक नहीं पहुंच पाई। और उसकी बीच रास्ते में दर्दनाक मौत हुई। पूरी घटना के बाद मायके पक्ष के लोगों का रो- रो के बुरा हाल है।
कीचड़ भरी सड़क से गुजरकर ससुराल में हुआ अंतिम संस्कार
महिला के शव को वापस उसके मायके लाया गया, लेकिन जब अंतिम संस्कार के लिए उसे ससुराल ले जाने की बारी आई तब उसके परिजनों को बड़ी जद्दोजहद करना पड़ी, महिला के शव को खाट रखकर कमर के ऊपर पानी से गुजरकर ससुराल तक ले जाने के लिए परिजनों को 30 किलमीटर का लम्बा नर्क से भी बदत्तर कहे जाने वाले रास्ते का सफर तय करना पड़ा.
सड़क पूरी तरह खस्ताहाल और कीचड़ भरे रास्तों से जैसे तैसे नदी पार करते हुए शव को ससुराल पहुंचाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार हुआ।
घटना के बाद भी कोई जिम्मेदार नहीं पहुंचा गांव, परिजन बोले मदद तो दूर, संवेदना तक नहीं
घटनाक्रम की जानकारी होते ही पब्लिक वाणी की टीम मौके पर पहुंची जहां ग्राम बरहठा के ग्राम भनिगवां चारों तरफ से नदी से घिरा है। अतिवृष्टि के कारण टमस और महाना दोनों नदियों में बाढ़ आई थी, पुल की हाइट कम होने के कारण पुल डूबे थे जिस पर परिजन नदी पार करके महिला को अस्पताल नहीं ले जा पाये।
उसकी तड़प तड़प कर मौत हो गई। घटना के बाद पूरे परिवार पर कलंक लग गया और पूरे परिवार का रो रो के बुरा हाल है। घटना के संबंध में जब पीड़ित परिजनों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आज दिनांक तक उनके घर कोई भी जिम्मेदार मिलने तक नहीं पहुंचे।
इस घटना के बाद कोई भी जिम्मेदार ना तो ग्राम पंचायत के सरपंच और ना ही सचिव किसी ने भी घर पहुंचकर घटना के संबंध में जानकारी ली और ना ही कोई सहायता प्राप्त हुई। सड़क न होने के कारण उनकी गर्भवती बिटिया की उनके आंखों के सामने तड़प तड़प कर मौत हो गई कोई भी मदद के लिए सामने नहीं आया।
इनका कहना है
बरसात का समय चल रहा है, इस विषय के बारे में जानकारी ली जाएगी. सामान्यतः किसी भी गांव की प्रधानमंत्री सड़क अन्य सुविधाओं से है या यदि कोई ग्राम पंचायत ऐसी है, जिसमें नदी या नाला पार करने को लेकर कोई दिक्कत है, तो उसका परीक्षण हम लोग प्राथमिकता से करवा लेंगे।
प्रतिभा पाल कलेक्टर रीवा।