वक्फ कानून 2025 के तीन नए नियम अधिसूचित
केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम 2025 के तहत तीन महत्वपूर्ण नियमों को अधिसूचित कर दिया है, जिनमें एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास नियम को 3 जुलाई को अधिसूचित किया गया। इन नियमों का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, लेखा-परीक्षण (ऑडिट), खतों के रिकॉर्ड प्रबंधन तथा डिजिटल डाटाबेस के माध्यम से पारदर्शी व प्रभावशाली प्रशासन सुनिश्चित करना है।

केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम 2025 के तहत तीन महत्वपूर्ण नियमों को अधिसूचित कर दिया है, जिनमें एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास नियम को 3 जुलाई को अधिसूचित किया गया। इन नियमों का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, लेखा-परीक्षण (ऑडिट), खतों के रिकॉर्ड प्रबंधन तथा डिजिटल डाटाबेस के माध्यम से पारदर्शी व प्रभावशाली प्रशासन सुनिश्चित करना है।
ऑनलाइन पोर्टल और डाटाबेस की होगी निगरानी
नए नियमों के तहत अब वक्फ संपत्तियों से जुड़े सभी कार्य जैसे रजिस्ट्रेशन, ऑडिट और खतों का रखरखाव ऑनलाइन पोर्टल और केंद्रीय डाटाबेस के माध्यम से होंगे। इस पूरे सिस्टम की निगरानी केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव करेंगे।इसके अलावा, हर राज्य सरकार को भी संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं, जो राज्य स्तरीय समन्वय सुनिश्चित करेगा।
केंद्रीय इकाई की स्थापना का प्रावधान
नियमों के अनुसार, केंद्र सरकार के परामर्श से एक केंद्रीय संगठन/इकाई गठित की जाएगी जो वक्फ से जुड़े तकनीकी, प्रबंधन और लेखा से संबंधित सभी कार्यों — जैसे रजिस्ट्रेशन, ऑडिट, खतों का डिजिटलीकरण और प्रबंधन — की निगरानी करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं कुछ प्रावधान
हालांकि ये नियम अब अधिसूचित हो चुके हैं और लागू माने जा रहे हैं, लेकिन कानून के कुछ विवादित प्रावधानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसलिए वे प्रावधान अभी वक्फ एक्ट में शामिल नहीं किए गए हैं।
वक्फ बोर्डों की असीमित शक्तियों पर लगाम की तैयारी
वर्तमान में देशभर में वक्फ बोर्डों के पास 8.7 लाख से अधिक संपत्तियाँ हैं, जो लगभग 9.4 लाख एकड़ भूमि में फैली हुई हैं। 1995 के संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड को इतनी शक्ति मिल गई थी कि वह किसी भी संपत्ति पर दावा कर उसे वक्फ संपत्ति घोषित कर सकता था — भले ही उसके स्वामित्व को लेकर कोई कानूनी दस्तावेज न हो।
मोदी सरकार द्वारा लाए गए इस नए कानून और नियमों के माध्यम से अब इस एकतरफा अधिकार पर नियंत्रण लाने का प्रयास किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस व्यवस्था के लागू होने से जमीन के असली मालिक अब कानूनी रूप से अपनी संपत्तियों पर दावा कर सकेंगे, जो पहले संभव नहीं था।