नशा युवाओं को कर रहा खोखला, यह चिंता का विषय : मकवाणा

मध्यप्रदेश पुलिस ने युवाओं-छात्राओं को नशे की लत से बचाने के लिए एक पखवाड़े का अभियान चलाया है। अभियान का नाम 'नशे से दूरी- है जरूरीÓ रखा गया है। मुख्यमंत्री के वीडियो संदेश के प्रसारण के साथ डीजीपी कैलाश मकवाणा ने पुलिस मुख्यालय में पोस्टर विमोचन के साथ पखवाड़े भर के अभियान का शुभरंभ किया। डीजीपी मकवाणा ने कहा कि हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है, नशे के दुष्प्रभावों से किशोर बच्चों और युवाओं को अवगत कराएं और नशे से दूर रखें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रेरणा से समाज में नशे की प्रवृत्ति की प्रभावी रोकथाम के जनजागरुकता अभियान पुलिस द्वारा चलाया जा रहा है। मादक पदार्थों के सेवन की लत कई युवाओं को खोखला कर उनके परिवारों को भी बर्बाद कर रही है। देश-प्रदेश के शीर्षस्थ राजनैतिक नेतृत्व भी इस विकराल समस्या से चितिंत एवं इसके निदान हेतु प्रयासरत है। हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि इसके दुष्प्रभावों से विशेषकर किशोर बच्चों और युवाओं को अवगत कराएं और नशे से दूर रखें। उन्होंने कहा कि ड्रग्स शब्द सुनते ही दिमाग में कई दृश्य उभरते हैं- दुर्बल शरीर, नशीली आंखे, धुऐं का गुबार और अंधकार।
महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे यह विभाग
मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान में उच्च शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य विभाग, एनजीओ, धार्मिक संस्थान आदि की सक्रिय सहभागिता रहेगी।
इन गतिविधियों से लाएंगे जनजागरुकता
अभियान के अंतर्गत पूरे प्रदेश में प्रतिदिन विभिन्न जन-जागरुकता गतिविधियां संचालित की जाएंगी जिनमें स्थानीय रेडियो और एफएम चैनलों के माध्यम से प्रसारण, सार्वजनिक स्थलों पर बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स का प्रदर्शन और पंपलेट का वितरण शामिल है। साथ ही, प्रिंट मीडिया, बस अड्डों और प्रमुख चौराहों पर डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से वीडियो प्रचार किया जाएगा। सफाई वाहनों पर लगे पीए सिस्टम से नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाएगी। सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर हैशटैग के साथ व्यापक जन-संदेश भी प्रसारित किए जाएंगे।