धनखड़ के इस्तीफे पर मोदी की प्रतिक्रिया, ट्वीट कर जताई भावनाएं

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात स्वास्थ्य कारणों से पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे अप्रत्याशित बताते हुए इसके पीछे गहरे कारणों की आशंका जताई है।

धनखड़ के इस्तीफे पर मोदी की प्रतिक्रिया, ट्वीट कर जताई भावनाएं

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया। धनखड़ ने कल रात ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा। अपने त्यागपत्र में उन्होंने इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य बताया है। जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने की खबर ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। मानसून सत्र के पहले ही दिन इस्तीफा देने की बात को सुनकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए हैं। कई नेताओं ने इसे "अप्रत्याशित" और "चिंताजनक" करार दिया है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, "उन्हें भारत के उपराष्ट्रपति समेत कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला। मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करता हूं।" प्रधानमंत्री का यह बयान धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद आया हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि

उन्होंने आगे कहा कि धनखड़ ने हमेशा सरकार और विपक्ष, दोनों को कटघरे में खड़ा किया है, और आने वाले दिनों में न्यायपालिका से जुड़ी बड़ी घोषणाएं करने वाले थे।  वे 21 जुलाई की शाम करीब 5 बजे तक कुछ सांसदों के साथ उपराष्ट्रपति से मिले थे और फिर शाम 7:30 बजे फोन पर भी बात हुई थी।

वहीं शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता आनंद दुबे ने इस्तीफे को लेकर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि "अगर इस्तीफे का कारण स्वास्थ्य है, तो इसे सत्र से कुछ दिन पहले या बाद में भी दिया जा सकता था। पहले ही दिन यह कदम उठाना हैरान करने वाला है।" उन्होंने सवाल किया – "इस सरकार में क्या चल रहा है?"

पेशे से सीनियर एडवोकेट थे धनखड़

जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव में और फिर सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ में पूरी की। बाद में उन्होंने जयपुर के महाराज कॉलेज से फिजिक्स में स्नातक और राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून (LLB) की पढ़ाई की।

धनखड़ पेशे से एक वरिष्ठ वकील रहे हैं और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट समेत देश के कई हाईकोर्टों में प्रैक्टिस की। साल 1990 में उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट का दर्जा मिला। 2022 में वे 74.37% वोटों के साथ भारत के 14वें उपराष्ट्रपति चुने गए। यह जीत 1992 के बाद सबसे बड़े अंतर से हुई थी। उनका राजनीतिक जीवन करीब 30 वर्षों का रहा है, जिसमें वे कई अहम जिम्मेदारियों में शामिल रहे।

21 जुलाई को दिए जगदीप धनखड़ ने अपने त्यागपत्र में राष्ट्रपति को सहयोग और सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल का भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। हालांकि, उनका ये इस्तीफा राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही प्रभावी माना जाएगा। धनखड़ ऐसे पहले उपराष्ट्रपति बने हैं जिन्होंने संसद सत्र के दौरान इस्तीफा दिया है। साथ ही, वे भारत के इतिहास में कार्यकाल के बीच इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति भी हैं।