एट्रोसिटी, पाक्सो और धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के आरोपों आरोपी हुआ दोषमुक्त, विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट ने सुनाया अहम फैसला
रीवा जिले के महिला थाना द्वारा दर्ज किए गए एक संवेदनशील और गंभीर आपराधिक मामले में विशेष पाक्सो न्यायालय रीवा ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी शहवाज खान को सभी आरोपों से दोषमुक्त करार दिया है। यह मामला 4 जनवरी 2025 को दर्ज हुआ था, जिसमें शहवाज पर बलात्कार, धमकी, जबरन धर्म परिवर्तन और नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण के आरोप लगे थे।

रीवा। जिले के महिला थाना द्वारा दर्ज किए गए गंभीर आपराधिक मामले में विशेष पाक्सो न्यायालय रीवा ने सोमवार को अहम फैसला सुनाया। अदालत ने आरोपी शहवाज खान को एट्रोसिटी एक्ट, पाक्सो एक्ट और मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम सहित दर्ज सभी धाराओं में दोषमुक्त करार दिया है।
महिला थाना रीवा में 4 जनवरी 2025 को फरियाद के आधार पर शहवाज खान के विरुद्ध अपराध क्रमांक 2/2025 पंजीबद्ध किया गया था। मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(n), 506, इसके साथ ही पाक्सो अधिनियम की धारा 3 एवं 4 और मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 3 एवं 5 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
आरोपी पर एक नाबालिग लड़की से बलात्कार, धमकी देने और जबरन धर्म परिवर्तन कराने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की अदालत में चली। सुनवाई के दौरान अभियोजन द्वारा प्रस्तुत गवाहों और दस्तावेजी साक्ष्यों की जाँच की गई, जिनमें पर्याप्त कानूनी बल नहीं पाया गया।
आरोपी की ओर से अधिवक्ता विक्रम सिंह एवं सहयोगी अधिवक्ता कृष्णेंद्र सिंह सेंगर ने न्यायालय में पक्ष रखा। न्यायालय ने समस्त साक्ष्यों और गवाहों की गहन विवेचना के उपरांत पाया कि अभियोजन अपने आरोपों को साबित करने में असफल रहा। इस आधार पर अदालत ने शहवाज खान को सभी आरोपों से दोषमुक्त कर दिया।