क्यों सरकारी नौकरी छोड़कर, राजनीति में आए - हितेश वाजपेयी

हितेश वाजपेयी ने कहा कि वे हमेशा से जनसेवा करना चाहते थे, लेकिन सरकारी पद पर रहते हुए उनकी सीमाएं बंधी हुई थीं। उन्होंने कहा- सरकारी नौकरी में रहते हुए आप नीतियां लागू तो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें बनाने और दिशा देने का अधिकार नहीं होता। राजनीति ने मुझे वह मंच दिया, जहां मैं आम जनता की समस्याएं सीधे उठा सकूं और बदलाव का हिस्सा बन सकूं।

भोपाल. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने खुलासा किया कि उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आने का फैसला क्यों लिया। वाजपेयी ने कहा कि वे हमेशा से जनसेवा करना चाहते थे, लेकिन सरकारी पद पर रहते हुए उनकी सीमाएं बंधी हुई थीं।

उन्होंने कहा- सरकारी नौकरी में रहते हुए आप नीतियां लागू तो कर सकते हैं, लेकिन उन्हें बनाने और दिशा देने का अधिकार नहीं होता। राजनीति ने मुझे वह मंच दिया, जहां मैं आम जनता की समस्याएं सीधे उठा सकूं और बदलाव का हिस्सा बन सकूं। हितेश वाजपेयी का मानना है कि राजनीति केवल सत्ता का माध्यम नहीं, बल्कि जनहित और राष्ट्रनिर्माण का ज़रिया है। उनका यह फैसला युवाओं के लिए भी एक संदेश है कि अगर इरादा जनसेवा का है, तो राजनीति भी एक सशक्त रास्ता हो सकता है।