स्ट्रेस बढ़ा सकता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा

क्या आप जानते हैं कि स्ट्रेस आपकी सेहत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है? आज के इस आर्टिकल में जानते हैं कि स्ट्रेस कैसे बन सकता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं की वजह।

स्ट्रेस बढ़ा सकता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा

आजकल की जिंदगी में आराम जितना नहीं है, उतना तो स्ट्रेस होता है। जॉब न मिले तो स्ट्रेस, जॉब मिल गई तो स्ट्रेस। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्ट्रेस आपके हेल्थ के लिए कितना खतरनाक होता है और ज्यादा स्ट्रेस कई तरह की हार्ट डिजीज को बढ़ावा देता है?

दिल, दिमाग और शरीर पर क्या असर डालता है स्ट्रेस

स्ट्रेस होना आम बात है, लेकिन जब ये स्ट्रेस ज्यादा बढ़ जाए और लंबे समय तक रहने लगे, तो इसे क्रॉनिक स्ट्रेस यानी कि लगातार बने रहने वाला तनाव कहते हैं, जिससे कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। तनाव की वजह से कई प्रॉब्लम्स को जन्म मिलता है। चलिए जानते हैं कि स्ट्रेस से आपको क्या-क्या प्रॉब्लम्स हो सकती हैं?

स्ट्रेस न सिर्फ शरीर पर बल्कि हमारे दिमाग पर भी गहरा असर डालता है। ज्यादा स्ट्रेस से एंग्जायटी, डिप्रेशन, नींद में कमी, चिड़चिड़ापन और फोकस की कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। स्ट्रेस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर करता है, जिससे जल्दी-जल्दी बीमार पड़ना, सर्दी-जुकाम होना शामिल है।

स्ट्रेस से दिल से जुड़ी बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है जैसे ब्लड प्रेशर बढ़ना, दिल की धड़कन तेज होना और कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ जाना शामिल है। इससे आर्टरीज में सूजन आ सकती है, कोलेस्ट्रॉल असंतुलित हो सकता है और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

स्ट्रेस नर्वस सिस्टम को भी प्रभावित करता है, जिससे सिरदर्द, माइग्रेन और याददाश्त से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं। क्रॉनिक स्ट्रेस होने से बाल झड़ना, चेहरे पर मुंहासे आना, झुर्रियां होना और भी कई समस्याएं शामिल हैं।

स्ट्रेस से गैस, एसिडिटी, सीने में जलन, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS), अल्सर और आंतों में सूजन जैसी समस्याएं भी होती हैं।

स्ट्रेस को कम कैसे करें?

स्ट्रेस को कम करने के लिए आपको उस चीज के बारे में सोचना बंद करना होगा जिससे आपको स्ट्रेस हो रहा है। इसके साथ ही मेडिटेशन, रेगुलर एक्सरसाइज, डाइट, पर्याप्त नींद और योग से आप अपना स्ट्रेस कम कर सकते हैं। साथ ही नेचर के साथ समय बिताना और लोगों से ज्यादा जुड़ने से भी स्ट्रेस को कम किया जा सकता है।