रीवा शहर बेहाल, बाढ़ जैसे हालात, नदी-नाले उफान पर, सड़कों से लेकर घरों तक पसरा जलजमाव
रीवा में शुक्रवार को हुई सावन की पहली मूसलधार बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी। शहर के कई हिस्सों में दो फीट तक पानी भर गया, जिससे लोगों के घरों में सामान भीग गया और बिजली के उपकरण खराब हो गए। बीहर और बिछिया नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। महापौर अजय मिश्रा देर रात कंट्रोल रूम पहुंचे और राहत कार्यों के निर्देश दिए।

रीवा। जिले शुक्रवार को सावन की पहली बारिश ने पूरे रीवा शहर की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। सुबह से शुरू हुई मूसलधार बारिश देर रात तक थमी नहीं, जिससे शहर के अधिकांश हिस्सों में जलभराव की स्थिति बन गई। शहर के विभिन्न वार्डों में हालत ऐसी हो गई कि लोगों के घरों में दो-दो फीट तक पानी घुस गया।
मुख्य सड़कें दरिया में तब्दील हो गईं और निचले इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए। वही लगातार बारिश के चलते बीहर और बिछिया नदियों का जलस्तर तेज़ी से बढ़ा है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
प्रशासन अलर्ट मोड पर है, कई कॉलोनियों में कीचड़ और गंदगी के ढेरनालियों की सफाई न होने से पानी सीधे घरों में घुसा वही लोगों का आरोप लगाते हुए कहा कि केवल बजट खर्च होता है, ज़मीन पर काम नहीं हुआ।
बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में सिरमौर चौराहा, नेहरू नगर, अमहिया, देकहा मोहल्ला, चोरहटा, गुड़ चौराहा, चिरहुला कॉलोनी, रसिया मोहल्ला, इंदिरा नगर, नरेंद्र नगर, शारदापुरम, निपनियां, पदमधर कॉलोनी, विकास कॉलोनी, और नेहरू बस्ती शामिल हैं।
यहां गलियों में घुटनों से ऊपर पानी भर गया।नेहरू नगर में तो हर साल यही हाल होता है। बारिश का पानी सीधे घरों और दुकानों में घुस जाता है। इस बार भी वही हुआ। लोगों के घरों में रखा सामान भीग गया, खाने-पीने की चीजें खराब हो गईं और बिजली के उपकरण जल गए। देर रात घर में दो फुट तक पानी था। टीवी, फ्रिज और राशन सब भीग गया।
देर रात नगर निगम कंट्रोल रूम पहुंचे महापौर, दिए राहत कार्यों के निर्देश
शहर में शुक्रवार- शनिवार दरमियान देर रात हुई मूसलधार बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी। तेज़ बारिश के चलते कई मोहल्लों और वार्डों में जलभराव की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई। कई घरों में पानी घुस गया, जिससे लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ।
नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को रातभर जागकर समय गुज़ारना पड़ा। स्थिति की जानकारी मिलते ही महापौर अजय मिश्रा बाबा ने सक्रियता दिखाते हुए देर रात स्वयं नगर निगम कंट्रोल रूम पहुंचकर अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की।
उन्होंने तत्काल प्रभाव से राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। महापौर ने नगर निगम की टीम को निर्देशित किया कि जल निकासी की प्रक्रिया को तेज किया जाए और जिन घरों में पानी घुसा है, वहां पंप लगाकर पानी निकाला जाए।
महापौर ने कंट्रोल रूम से ही संबंधित वार्डों के पार्षदों और ज़ोनल अधिकारियों से सीधे संपर्क कर मौके की स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक संसाधन मुहैया कराने के आदेश दिए।
अवैध प्लॉटिंग बनी बाढ़ की सबसे बड़ी वजह
रीवा शहर में आई पहली ही बारिश ने नगर निगम और प्रशासन की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। सड़कों पर घुटनों तक पानी, निचली बस्तियों में भरे जलभराव और जगह-जगह जाम हुए नाले इस बात की गवाही दे रहे हैं कि शहर की जल निकासी व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है।
लेकिन इस आपदा के पीछे की असली वजह कहीं और छुपी है शहर के चारों ओर तेजी से हो रही अवैध प्लॉटिंग और नालों पर हुआ अतिक्रमण। शहर के चारों ओर फैले भू-माफियाओं ने बिना अनुमति के कृषि भूमि को प्लॉटिंग कर कॉलोनियां खड़ी कर दी हैं।
इन कॉलोनियों के निर्माण में सबसे बड़ा नुकसान हुआ है प्राकृतिक नालों और जल मार्गों का नदी और नालों की ओर जाने वाले पारंपरिक रास्तों को पाटकर वहां प्लॉट बना दिए गए हैं, जिससे बारिश का पानी शहर से बाहर निकल ही नहीं पा रहा। जिसके कारण पहले ही बारिश में शहर के सभी वार्डों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है।
जलमग्न रपटे को पार करते बहा राहगीर, नहीं लगा सुराग
लगातार बारिश के बाद नदियों का जलस्तर बढ़ने से गुढ़ थाने के रगनिया गांव निवासी 45 वर्षीय श्यामलाल कोल शुक्रवार को बाजार से घर लौटते समय रेवड़ा नदी के तेज बहाव में बह गया। घटना उस समय हुई जब श्यामलाल जलमग्न हो चुके रपटे को पैदल पार करने का प्रयास कर रहे थे।
उसी दौरान पानी का तेज बहाव आया और वे उसमें बह गए। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और आपदा प्रबंधन टीम को बुलाया। टीम ने नदी में बचाव अभियान शुरू किया है. लेकिन खबर लिखने तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है। तलाश जारी है।