रीवा में वायरल बीमारियों का कहर, अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़,ओपीडी में टूट रहे रिकॉर्ड
रीवा शहर और आसपास के इलाकों में इन दिनों वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा है। बदलते मौसम, तापमान में उतार-चढ़ाव और नमी के कारण बुखार, सर्दी-खांसी, दस्त जैसे लक्षणों के साथ मरीज अस्पतालों की ओपीडी में उमड़ रहे हैं। संजय गांधी अस्पताल और अन्य मेडिकल कॉलेजों की ओपीडी में रिकॉर्ड संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं।
ऋषभ पांडेय
रीवा शहर और आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों मौसम का बदलता मिजाज लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। तापमान में उतार-चढ़ाव और बढ़ती नमी ने वायरल संक्रमणों को पनपने का अवसर दे दिया है। परिणामस्वरूप जिले के सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी क्लीनिकों तक मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
हालात ऐसे हैं कि मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में ओपीडी के पुराने रिकॉर्ड टूटते नजर आ रहे हैं वर्तमान में शहर के अधिकांश मोहल्लों और ग्रामीण अंचलों से बुखार, सर्दी-जुकाम, खांसी, बदन दर्द और दस्त की शिकायतों के साथ मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।

चिकित्सकों के अनुसार यह स्थिति मौसमी वायरल का संकेत है, जो खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों को अपनी चपेट में ले रहा है। साथ ही, पानी से फैलने वाले रोग जैसे डायरिया और टाइफाइड के मामलों में भी इजाफा देखा गया है।
संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय के मेडिसिन विभाग में आमतौर पर जहां प्रतिदिन 400 से 500 मरीज देखे जाते थे, वहीं पिछले एक सप्ताह में यह संख्या 800 के पार पहुंच गई है।

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आंकड़ों के मुताबिक, बीते सात दिनों में केवल मेडिसिन विभाग में ही करीब 5 हजार मरीजों ने परामर्श लिया है। यह स्थिति सामान्य जन स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है।
मेडिकल कॉलेज के तीनो अस्पतालों में मरीजों का तांता
18 अगस्त से लेकर 25 अगस्त के बीच, संजय गांधी अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और गांधी स्मृति चिकित्सालय की ओपीडी में 20 हजार से अधिक मरीजों ने इलाज के लिए दस्तक दी। जिसमें कुछ मरीजों की हालत गंभीर पाई गई, जिन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियां का भी खतरा
जिला स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, वायरल बुखार के साथ-साथ मलेरिया और डेंगू के प्रारंभिक लक्षण वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। कुछ मामलों में खून की जांच में प्लेटलेट्स की कमी और शरीर पर चकत्ते दिखाई दिए हैं, जो डेंगू के संभावित संकेत हैं। इसके अलावा, जलजनित संक्रमण जैसे हेपेटाइटिस-ए और गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के भी केस सामने आ रहे हैं।
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बच्चों और हृदय रोगियों की संख्या में भी इजाफा
पिछले सप्ताह पीडियाट्रिक (बाल रोग) विभाग और कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में भी सामान्य से अधिक मरीज देखे गए। बच्चों में बुखार और उल्टी-दस्त के लक्षण अधिक देखे जा रहे हैं, जबकि हृदय रोगियों को मौसम के दबाव के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ रहा है।

क्यों हो रहा वायरल इंफेक्शन
डॉक्टरों ने बताया कि एक सप्ताह से वायरल इंफेक्शन का सीजन चल रहा है। क्योंकि हवा में नमीं की वजह से यह स्थितियां निर्मित हो रही है। इन दिनों मौसम में वायरल ज्यादा समय तक जिन्दा रहता है। जिसके कारण ज्यादातर लोग प्रभावित हो रहे हैं। वायरल इंफेक्शन का असर एक सप्ताह तक रह सकता है। शरीर में दर्द, सिर दर्द, बुखार, सर्दी-जुकाम और खांसी भी हो सकती है। इसमें मरीजों को दवाएं के साथ आराम करने की सलाह दी जाती है।
चिकित्सकों की सलाह, लक्षणों को नजरअंदाज न करें
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बुखार, कमजोरी, लगातार थकान, खांसी या दस्त जैसे लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही, उबालकर पानी पीने, खुले खाद्य पदार्थों से परहेज करने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।
Saba Rasool 
