मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भोपाल-इंदौर में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के दिए निर्देश
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने खजुराहो स्थित छत्रसाल कन्वेंशल सेंटर में विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक की। सीएम ने उद्योग मंत्री चैतन्य कश्यप के साथ औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत 2 वर्ष में हुए कार्यों की समीक्षा की।
छतरपुर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने खजुराहो स्थित छत्रसाल कन्वेंशल सेंटर में विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक की। सीएम ने उद्योग मंत्री चैतन्य कश्यप के साथ औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत 2 साल में हुए कार्यों की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि, महिलाओं को रोजगार और सामाजिक सुरक्षा दिलाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने MSME विभाग के अधिकारियों से कहा है कि वे इंदौर और भोपाल मेट्रोपॉलिटन सिटी के दृष्टिगत विकसित औद्योगिक क्षेत्रों को उद्योग जगत के बीच प्रस्तुत करें, जिससे अधिक से अधिक औद्योगिक इकाइयां स्थापित हों और व्यापक, निवेश और रोजगार सृजित हो सकें। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने MSME के पंजीकरण में जबरदस्त 31 प्रतिशत की ग्रोथ पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे पिछले दो साल में छोटे उद्योगों के लिए राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराए गए शानदार वातावरण का उदाहरण बताया। उन्होंने फूड पार्क सहित अन्य ग्रामीण और कुटीर उद्योगों को भी MSME से जोड़ने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विगत दो वर्ष में मध्य प्रदेश में MSME और स्टार्टअप के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। प्रदेश में इस अवधि में कई लाख करोड़ का निवेश आया है और नवीन औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन और शुभारंभ हुआ है। MSME इकाइयों को 2780 करोड़ की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई गई है। मुख्यमंत्री ने 2019 से उद्यमों के लिए लंबित प्रोत्साहन राशि के संपूर्ण भुगतान को ऐतिहासिक बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उद्योग वर्ष के समापन पर यह विभाग की जिम्मेदारी है कि पक्ष और विपक्ष के जनप्रतिनिधियों के साथ इन उपलब्धियों का मीडिया को भी मौके पर निरीक्षण कराएं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल समेत बड़े शहरों में फ्लैटेड इंडस्ट्रियल पार्क के विकास कार्यों में प्रदेश के विकास प्राधिकरणों को जोड़ें, जिससे मितव्ययता बनी रहे। प्रदेश में MSME एवं स्टार्टअप इकोसिस्टम के विस्तार, औद्योगिक संरचना के विकास तथा आगामी कार्ययोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में 4.51 लाख विनिर्माण उद्यम, 6,340 से अधिक स्टार्टअप और 3,023 से अधिक महिला स्टार्टअप सक्रिय हैं। प्रदेश में 102 से अधिक इन्क्यूबेटर कार्यरत हैं। विनिर्माण क्षेत्र में ₹39,600 करोड़ रूपये का निवेश प्राप्त हुआ है।
नीतिगत सुधार एवं विभागीय उपलब्धियां
पिछले दो सालों में विभाग ने नीतिगत सुधार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। MSME एवं स्टार्टअप के लिए नई नीतियां लागू की गईं। प्रदेश में 116 से अधिक कार्यशालाओं के माध्यम से जागरूकता एवं प्रशिक्षण दिया गया। भू-आवंटन एवं अन्य प्रक्रियाओं को फेसलेस ऑनलाइन माध्यम से समयबद्ध सेवा के रूप में लागू किया गया। वित्तीय सहायता के अंतर्गत 4,065 इकाइयों को 2,780.44 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की गई।
औद्योगिक अधोसंरचना का विस्तार
समीक्षा बैठक में बताया गया कि औद्योगिक क्षेत्रों के विकास में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। कुल 1,240 भूखंड उद्यमियों को उपलब्ध कराए गए, 13 औद्योगिक क्षेत्रों का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ और 14 नए औद्योगिक क्षेत्रों को स्वीकृति प्रदान की गई। वर्तमान में 31 औद्योगिक क्षेत्रों का विकास कार्य प्रगति पर है। निजी भूमि पर स्वीकृत 30 औद्योगिक क्षेत्रों में से 12 का विकास कार्य पूर्ण हुआ है। विभाग ने पहली बार गोविंदपुरा, भोपाल में फ्लैटेड इंडस्ट्रियल पार्क का विकास कर नवाचार को प्रोत्साहन दिया है।
आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना
विभागीय मंत्री चेतन्य कुमार कश्यप ने आगामी तीन सालों की कार्ययोजना भी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि 81 विधानसभा क्षेत्रों में नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। वर्तमान 6,000 से अधिक स्टार्टअप को बढ़ाकर 12,000 से अधिक करने का लक्ष्य रखा है। सभी जिले में कम से कम एक के साथ 100 नए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे और जनवरी 2026 में राज्य स्तरीय स्टार्टअप कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा। 1.5 लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों का फार्मलाइजेशन किया जाएगा और उन्हें उद्यम पोर्टल से जोड़ा जाएगा।
स्वरोजगार, GI टैगिंग और प्रयोगशाला उन्नयन
स्वरोजगार योजना के माध्यम से 30,000 उद्यमियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है और प्रदेश में 20 लाख से अधिक रोजगार सृजन का उद्देश्य निर्धारित किया गया है। 20 विशिष्ट उत्पादों की पहचान कर उन्हें GI टैग दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बहादरपुर सहकारी सूत मिल, बुरहानपुर की देनदारियों के निराकरण और इंदौर व जबलपुर की परीक्षण प्रयोगशालाओं के उन्नयन का कार्य भी प्राथमिकता से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने विभाग की उपलब्धियों की सराहना करते हुए निर्देश दिए कि MSME और स्टार्टअप क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के स्तर तक ले जाने के लिए सभी विभाग समन्वित प्रयास करें। उन्होंने नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन और निवेश संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए कार्ययोजना के त्वरित क्रियान्वयन पर जोर दिया।
shivendra 
