Delhi Bomb Blast: अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद अहमद को कोर्ट ने दी राहत

फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी को महू में उनके मकान पर हुई डिमोलिशन कार्रवाई से इंदौर हाईकोर्ट ने 15 दिन की राहत दे दी है।

Delhi Bomb Blast: अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद अहमद को कोर्ट ने दी राहत
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फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी को इंदौर हाईकोर्ट ने राहत दे दी है। कोर्ट ने महू कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा जारी डिमोलिशन नोटिस पर 15 दिन का स्टे लगा दिया है, जिससे जवाद अहमद के महू में स्थित पैतृक घर पर तोड़फोड़ की कार्रवाई कुछ दिनों के लिए रोक दी गई है।

कोर्ट ने सिद्दीकी को राहत क्यों दी?

यूनिवर्सिटी पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और फंडिंग के आरोप के बावजूद यूनिवर्सिटी को MP कोर्ट ने 15 दिन की राहत कैसे दे दी? दरअसल महू कैंटोनमेंट बोर्ड ने सिद्दीकी के इंदौर में स्थित चार मंजिला मकान, जिसे मौलाना की बिल्डिंग के नाम से जाना जाता है, पर अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी किया था। महू कैंटोनमेंट बोर्ड ने कहा था कि तीन दिन के अंदर अवैध हिस्से को खुद हटाएं, नहीं तो बुलडोज़र कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद सिद्दीकी परिवार ने इंदौर हाईकोर्ट में बुलडोज़र कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर शुक्रवार 21 नवंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने रोक लगा दी। साथ ही प्रशासन को किसी भी तरह की कार्रवाई न करने के निर्देश दिए हैं।

आतंकियों को पनाह देता है अल फलाह यूनिवर्सिटी

अल फलाह यूनिवर्सिटी वही यूनिवर्सिटी है जिसका नाम 10 नवंबर को हुए दिल्ली बम ब्लास्ट के साथ जोड़ा गया है। 21 नवंबर को पुलिस ने दिल्ली में हुए बम ब्लास्ट के मास्टर माइंड डॉ. उमर को पकड़ा, जो कि अल फलाह यूनिवर्सिटी का ही स्टूडेंट था। यह कोई पहली बार नहीं है जब अल फलाह यूनिवर्सिटी का नाम किसी आतंकवादी हमले के साथ जोड़ा गया हो। मिर्ज़ा शादाब बेग, जिस पर भारत में होने वाले कई बम धमाकों का आरोप है, वह भी अल फलाह यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका है।