जगदीशपुर या इस्लाम नगर? हिंदू संगठनों ने जताई नाराजगी, 22 महीने पहले बदला नाम पर नहीं हटा पुराना बोर्ड
भोपाल के जगदीशपुर का नाम बदलने की कोशिश पर दो दिनों से हंगामा, हिंदू संगठन के सदस्यों ने 'इस्लाम नगर' लिखे शब्दों पर कालिख पोती और जगदीशपुर के बैनर लगाए।
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी के ऐतिहासिक गांव जगदीशपुर में बीते दो दिनों से नाम बदलने को लेकर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। लांबाखेड़ा–जगदीशपुर मार्ग पर लगे कई संकेतक बोर्डों पर एक बार फिर ‘इस्लाम नगर’ लिखा पाया गया। जबकि यह नाम 22 महीने पहले ही बदलकर आधिकारिक रूप से जगदीशपुर किया जा चुका है। इसके अलावा एक मस्जिद के पास स्थित किलोमीटर मीटर बोर्ड के क्षतिग्रस्त मिलने से स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों में भारी नाराजगी फैल गई। इसी के चलते मंगलवार और बुधवार को बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचे और इसके खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
कई बोर्डों पर पुराना नाम “इस्लाम नगर”
हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि लंबे समय से कई बोर्डों पर पुराने नाम “इस्लाम नगर” को नहीं हटाया गया था, जबकि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने नाम परिवर्तन की औपचारिक मंजूरी जारी कर दी थी। उन्होंने कहा कि यह केवल नाम बदलने का मुद्दा नहीं है, बल्कि लोगों की आस्था और जनभावनाओं से सीधा जुड़ा मामला है। क्षेत्र के ऐतिहासिक और मूल नाम के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विरोध प्रदर्शन के दौरान चंद्रशेखर तिवारी के साथ देवलखेड़ी के सरपंच अजय सैनी, सामाजिक कार्यकर्ता राजेश शर्मा और अन्य संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। प्रदर्शनकारियों ने उन सभी बोर्डों जिन पर “इस्लाम नगर” लिखा था, काली स्याही पोत दी। इसके बाद उन्होंने मौके पर ही नए फ्लेक्स लगाकर ‘जगदीशपुर पर्यटन स्थल’ लिखा और अधिकारियों को संदेश दिया कि अब और लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।
22 महीने पहले बदला था सरकार ने नाम
जगदीशपुर, जो पहले इस्लाम नगर के नाम से जाना जाता था, भोपाल से लगभग 14 किलोमीटर दूर स्थित एक खूबसूरत ऐतिहासिक क्षेत्र है। यहां 17वीं शताब्दी में बना किला देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करता है।
31 जनवरी 2023 तक इसका नाम आधिकारिक रूप से इस्लाम नगर था, लेकिन 1 फरवरी 2023 से केंद्र सरकार की स्वीकृति और राज्य सरकार के गजट नोटिफिकेशन के बाद गांव का नाम पुराने ऐतिहासिक नाम जगदीशपुर के रूप में बहाल कर दिया गया। नाम परिवर्तन के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर जश्न मनाया था - आतिशबाजी से लेकर मिठाइयां बांटने और ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस निकालने तक।
हालांकि, खुशी के बाद भी बोर्डों को बदलने की प्रक्रिया धीमी रही। कुछ महीनों बाद कई बोर्ड बदले गए, लेकिन हाल ही में संकेतक बोर्डों पर फिर से “इस्लाम नगर” लिखे जाने से लोगों में भ्रम और आक्रोश दोनों पैदा हुए।
मांगे पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
नाम बदले जाने की कोशिश के चलते जगदीशपुर में क्षेत्र में गहमा-गहमी का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों के लिए ये केवल एक साइनबोर्ड बदलने का मामला नहीं है। बल्कि लोग इसे अपनी पहचान, इतिहास और सांस्कृतिक विरासत से जोड़कर देख रहें हैं। प्रदर्शनकारियों की प्रशासन और संबंधित विभागों के सामने 3 प्रमुख मांगें हैं—
- सभी बोर्डों को तुरंत “जगदीशपुर” नाम में बहाल किया जाए।
- क्षतिग्रस्त किलोमीटर मीटर बोर्ड की मरम्मत की जाए।
- पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
इधर, चंद्रशेखर तिवारी ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही सभी बोर्डों पर नाम नहीं सुधारा गया, तो हिंदू संगठन उग्र आंदोलन करेगा। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया है कि मामले की जांच की जा रही है और आवश्यक कार्रवाई जल्द की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि संकेतक बोर्डों पर पुराने नाम कैसे दोबारा लिखे गए, इसका पता लगाने के लिए विभागीय जांच शुरू की गई है। साथ ही क्षतिग्रस्त बोर्ड की मरम्मत का निर्देश भी जारी किया गया है।
Varsha Shrivastava 
