मऊगंज: शिक्षा विभाग ने मृत शिक्षकों से पूछा, स्कूल क्यों नहीं जाते?
शिक्षा विभाग ने ई-अटेंडेंस न लगाने पर मऊगंज के 1568 शिक्षकों को नोटिस भेजा, जिनमें दो ऐसे शिक्षक भी शामिल हैं जिनकी मौत काफी पहले हो चुका है। इस गलती से विभाग की रिकॉर्ड-व्यवस्था और ऐप की विश्वसनीयता पर सवाल उठ गए हैं।
मऊगंज जिले में शिक्षा विभाग ने एक बड़ी गड़बड़ कर दी। विभाग ने 1568 शिक्षकों को नोटिस भेज दिया कि वे हमारे शिक्षक ऐप पर रोजाना ऑनलाइन हाजिरी क्यों नहीं लगा रहे। नोटिस में लिखा था कि अगर तीन दिन के अंदर जवाब नहीं दिया तो वेतन काट लिया जाएगा। यह नोटिस कलेक्टर से अनुमोदित भी करवा ली गई।

अब असली समस्या यह है कि जिन शिक्षकों को नोटिस भेजा गया है, उनमें दो शिक्षक तो काफी पहले ही गुजर चुके हैं। एक हैं देवतादीन कोल, जिनका निधन मई 2023 में हो चुका है। दूसरे हैं रामगरीब दीपांकर, जिनकी मौत करीब छह महीने पहले हुई थी। इन दोनों को भी विभाग ने इसलिए नोटिस भेज दिया कि उन्होंने पूरे महीने में एक भी दिन ऐप पर हाजिरी नहीं लगाई।

लोगों में यही चर्चा है कि जब शिक्षक इस दुनिया में ही नहीं हैं, तो वे कैसे जवाब देंगे? इससे साफ दिखाई देता है कि विभाग शिक्षक रिकॉर्ड ठीक से अपडेट नहीं कर रहा। कुछ शिक्षकों की पदस्थापना भी नोटिस में गलत लिख दी गई, यानी विभाग से डेटा भी सही नहीं संभल रहा।

ऊपर से जिस शिक्षक ऐप से हाजिरी लगती है, उसकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। अगर ऐप ठीक काम कर रहा होता तो मरे हुए लोगों को नोटिस भेजने जैसी गलती नहीं होती। शिक्षकों का कहना है कि जब इस ऐप को लेकर मामला हाई कोर्ट में भी चल रहा है, तो विभाग इतनी जल्दी कैसे कार्रवाई कर सकता है।
नईगढ़ी के BEO का कहना है कि पोर्टल ठीक से अपडेट न होने के कारण गलती से मृत शिक्षकों के नाम नोटिस में आ गए। लेकिन इस पूरी घटना ने विभाग की कामकाज की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है।
Saba Rasool 
