रीवा के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में लापरवाही, आग में झुलसा मृत नवजात

रीवा के संजय गांधी अस्पताल में OT में आग लगने से मृत नवजात का शव जल गया, जबकि अस्पताल प्रबंधन ने यह बात डिप्टी सीएम से छिपाई और फायर सेफ्टी में भारी लापरवाही उजागर हुई।

रीवा के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में लापरवाही, आग में झुलसा मृत नवजात

रीवा: विंध्य क्षेत्र का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान, संजय गांधी अस्पताल एक बार फिर गंभीर लापरवाही के चलते सुर्खियों में आ गया. रविवार दोपहर गांधी मेमोरियल अस्पताल के गायिनी विभाग में उस समय अफरा- तफरी मच गई, जब ऑपरेशन थियेटर OT में प्रसूता के ऑपरेशन के दौरान अचानक आग भड़क उठी।

ऑपरेशन थिएटर में आगजनी

आग इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते OT धुएं से भर गया और धुएं का गुबार खिड़कियों व दरवाजों से बाहर निकलने लगा। घटना के बाद पूरे विभाग में हड़कंप मच गया. आनन–फानन में अस्पताल स्टाफ और बचाव दल ने OT में मौजूद डॉक्टरों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों को बाहर निकाला।

संजय गांधी अस्पताल में सुरक्षा इंतजाम फेल

बताया जा रहा है कि आग लगने के समय प्रसूता महिला का ऑपरेशन चल रहा था और उसने एक मृत नवजात को जन्म दिया था. हालांकि, राहत और बचाव के दौरान गंभीर लापरवाही सामने आई है. एक ओर जहां बिल्डिंग मे उपस्थित सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, वहीं OT में मौजूद मृत नवजात को वहीं छोड़ दिया गया जिसके चलते आग की चपेट में आने से नवजात का शव बुरी तरह झुलस गया।

OT जैसे संवेदनशील वार्ड में आग, सिस्टम की बड़ी चूक

इस पूरे घटनाक्रम ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली और सुरक्षा इंतजामों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. OT जैसे संवेदनशील वार्ड में आग लगना और उसके बाद की अव्यवस्थित स्थिति ने स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है. घटना की जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है. मामले पर अस्पताल के फायर NOC सहित फायर सेफ्टी उपकरणो पर भी तरह तरह के सवाल खड़े हो रहें हैं.।

स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामी की भयावह तस्वीर

संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राहुल मिश्रा के अनुसार ऑपरेशन थिएटर में हुई आगजनी की घटना में झुलसा नवजात जन्म से पूर्व ही मृत था. हालांकि इस दावे की सच्चाई जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी. बताया गया है कि प्रसूता कंचन निरत, पत्नी रामसखा निरत, ग्राम गहिरा पोस्ट मढ़वा गुढ़ विधानसभा क्षेत्र की निवासी हैं रविवार को प्रसव के लिए उन्हें गायनी विभाग के ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया, जहां ऑपरेशन के दौरान मृत नवजात का जन्म हुआ. इसी दौरान ओटी में आग लगने की घटना सामने आई. फिलहाल मामले की जांच जारी है।

डिप्टी सीएम बोले– आग पर तुरंत काबू पाया गया

 इस पूरे घटनाक्रम पर मध्यप्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने कहा की" गांधी मेमोरियल अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर मे  आगजनी की घटना हुई थी जिसमे तत्काल काबू पा लिया गया था. इस घटना मे नवजात की मौत के मामले मे अस्पताल प्रबंधन से बात करके जानकारी जुटाई जाएगी. घटना के समय हमने अस्पताल प्रबंधन से बात की थी तब केवल आगजनी की जानकरी मिली थी।

फायर NOC की कमी दूर करेंगे: उप मुख्यमंत्री

अस्पताल मे फायर सेफ्टी के "NOC" न होने के सवाल पर उप मुख्यमंत्री ने कहा की बात करके कहां पर क्या कमी है उसे दूर करेंगे.वही घटना को लेकर संजयगांधी अस्पताल के अधीक्षक राहुल मिश्रा का कहना हैं की अस्पताल मे दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई हैं. नवजात बच्चे की मौत डिलेवरी से पहले ही हो चुकी थी. मां की जान बचाने के लिए उसका ऑपरेशन किया गया. प्रसूता को पेसेंटा प्रिविया नाम की बीमारी थी. जिसके चलते उसे काफी ज्यादा ब्लीडिंग हो रही थी फिलहाल ICU वार्ड मे उसका इलाज चल रहा है. ऑपरेशन से जिस मृत नवजात ने जन्म लिया था वह आगजनी की घटना मे झुलस गया हैं जिसका पोस्टमार्टम सोमवार की सुबह किया जाएगा।

अस्पताल की फायर सेफ्टी NOC नहीं थी

फायर सेफ्टी NOC को लेकर अस्पताल अधीक्षक राहुल मिश्रा ने कहा की अभी हमारी फाइल भोपाल मे है. निश्चित रूप से आज हमारा फायर सिस्टम मजबूत नहीं होता तो कई लोगो की जान जा सकती थी हमारी 16 लोगो की टीम हैं जो बेहतर ढंग से काम कर रही हैं. घटना के बाद तत्काल फायर इंजिनियर समेत टीम ने आग पार काबू पाया केवल एक OT मे आग लगी थी.

अधूरे ऑपरेशन के समय OT मे भड़की आग

अस्पताल के अधीक्षक ने कहा की जिस बिल्डिंग मे आग भड़की वह पुरानी बिल्डिंग हैं पहले वहां पर फायर सेफ्टी नहीं होता था लेकिन अब वहां पर सारी व्यवस्थाएं हैं. कई बार गर्मियों में शार्ट सर्किट से आग लगी हमने तत्काल आग पर काबू पाया लेकिन इस बार लगी आग का स्वरुप ज्यादा था. OT मे आगजनी की समय प्रसूता का अधूरा ऑपरेशन हुआ था जिसे पूरा करने के लिए दूसरे वार्ड मे शिफ्ट किया गया. अफरा तफरी का माहौल निर्मित था साथ ही आग तेज होने कें कारण हम बच्चे को बाहर नहीं निकाल पाए और वह झुलस गया.

डिप्टी सीएम के गृह जिले मे बिना मापदंडो के संचालित हैं शासकीय अस्पताल

बताया जा रहा है कि अस्पताल के पास फायर एनओसी तक नहीं है, जो कि तय मानकों के बिल्कुल विपरीत है. ऐसे में जब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेंद्र शुक्ला के गृह क्षेत्र रीवा का शासकीय अस्पताल ही आवश्यक मापदंडों के बिना संचालित हो रहा है, तो प्रदेश के अन्य जिलों में संचालित शासकीय अस्पतालों की स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. जरा सोचिए कि उस मां के दिल पर क्या बीती होगी - जिसके मासूम बच्चे की जिंदगी जन्म लेने से पहले ही छिन गई और फिर मौत के बाद अस्पताल की घोर लापरवाही ने उसे आग के हवाले कर दिया. यह घटना न सिर्फ व्यवस्था की विफलता को उजागर करती है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं पर भी गहरा सवाल खड़ा करती