सरकार एवं वोट की राजनीति करने वाले 'जनप्रतिनिधियों' के विकास की खुली पोल
कीचड़ में फसी जिंदगी, अपने ही घरों में कैद हुए मार्ग विहीन गांव के लोग सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित देवरी सेंगरान गांव के लोग

राजेंद्र पयासी-मऊगंज
मऊगंज जिले के मनगवां विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत नईगढ़ी विकासखंड का मार्ग विहीन देवरी सेंगरान गांव जो शासन के विकास एवं वोट बैंक के नाम पर राजनीति करने वाले जनप्रतिनिधियों की पोल खोल कर रख दी है।
गांव की स्थिति कुछ इस कदर है कि आज आजादी के सात दशक बाद भी बारिश के मौसम यानी 4 महीने के लिए लोग अपने ही घरों में कैद होकर रह जाते हैं लेकिन ना तो इस मार्ग के निर्माण की ओर जनप्रतिनिधियों का ध्यान गया और ना ही प्रशासन का। जिसके कारण आज गांव में निवास करने वाले लोगों की स्थिति कुछ इस कदर है कि पूरे 4 महीने के लिए लोग किराना सामग्री से लेकर नमक तक की व्यवस्था कर लेते हैं। लोगों को करीब 1 किलोमीटर से अधिक कीचड़ से भरा रास्ता तय कर मुख्य मार्ग तक जाना होता है गांव के ऐसे लोग जिनके पास दो पहिया एवं चार पहिया वाहन है उन्हें अपने वाहन सड़क पर ही खड़े करने पड़ते हैं यदि घरों के पास यानी बस्ती के बीच दो पहिया चार पहिया वाहन खड़े हैं और अचानक बारिश हो गई तो जब तक रास्ते में कीचड़ होगा तब तक बसाहट से बाहर नहीं निकाल सकते यानी गांव की जनता की तरह चार पहिया एवं दो पहिया वाहन भी चार महीने कीचड़ में ही फंसे रहते हैं।
ग्रामीणों ने किया था मार्ग में मिट्टी करण
मार्ग विहीन देवरी सेंगरान ग्राम पंचायत की एक ऐसी बसाहट जो जमीदारों की बसाहट कही जाती है गांव की समस्या कि यदि जमीनी हकीकत देखी जाए तो पहले जमीदारों ने मार्ग निर्माण में बाधा डाला, उपरांत जब गांव के निलय त्रिपाठी जैसे युवा समाजसेवी सहित कुछ जागरूक लोग सामने आए और निजी भूमि को न केवल शासनाधीन कराया बल्कि निजी पूंजी लगाकर युक्त डेढ़ किलोमीटर के मार्ग में मिट्टी करण भी कराया लेकिन मिट्टी करण होने के ठीक 2 वर्ष गुजर जाने के बाद भी ना तो पंचायत का ध्यान मुरुमीकरण एवं पीसीसी मार्ग बनाने की ओर गया और ना ही क्षेत्र के विधायक एवं अधिकारियों का जिसके कारण आज बसाहट के लोग बारिश के मौसम में अपने ही घरों में कैद होकर रह जाते हैं।
विकास के दावों की खुली पोल
सरकार एवं क्षेत्र के विधायक से लेकर अन्य जनप्रतिनिधि गांव के विकास की बात करते हैं लेकिन बारिश के मौसम में कीचड़ और गंदगी देखकर यह दावे झूठे साबित हो रहे हैं देवरी सेंगरान गांव कि इस बसाहट की स्थिति कुछ इस कदर है कि बारिश का पानी जमा हो जाता है और कीचड़ बनने के कारण लोगों को आने-जाने में परेशानी होती और पूरे गांव की गलियां कीचड़ से भर जाती है जिससे लोगो का न केवल मुख्य मार्ग से संपर्क टूट जाता है बल्कि बसाहट में ही चलना फिरना मुश्किल हो जाता है लेकिन विकास के नाम पर आम सभाओं में अपनी पीठ थपथपाने वाले जन प्रतिनिधियों का ध्यान आज तक मार्ग विहीन इस बसाहट की ओर नहीं गया।
ग्रामीणों की परेशानी उन्हीं की जुबानी
पट्टे की जमीन को शासनाधीन कराया, खुद 30 हजार खर्च एवं ग्रामीणों के द्वारा किए गए आर्थिक सहयोग से मिट्टी कारण कराया। लेकिन आज 2 वर्ष का समय गुजर गया आज तक पंचायत जनपद एवं विधायक सांसद का ध्यान इस मार्ग के निर्माण हेतु नहीं गया। जिसके कारण 4 महीने बारिश के मौसम में बसाहट से मुख्य मार्ग तक जाना मुश्किलों भरा होता है।
निलय त्रिपाठी ,समाजसेवी
जन सहयोग से मिट्टी करण के बाद सांसद विधायक से लेकर जनपद एवं सरपंच जैसे जिम्मेदारों तक मुरुमी करण एवं पीएससी मार्ग बनाए जाने का निवेदन किया लेकिन आज तक निर्माण नहीं कराया गया जिसके कारण बारिश के मौसम में कीचड़ भरे मार्ग से आना जाना पड़ता है।