इंदौर में कांग्रेस का हस्ताक्षर अभियान: SIR में 5 लाख से ज्यादा मतदाता लापता, लिस्ट सार्वजनिक करने की मांग

इंदौर में हुई एसआईआर प्रक्रिया में 5 लाख 68 हजार मतदाता लापता, कांग्रेस ने प्रदर्शन कर की गायब मतदाताओं की सूची सार्वजनिक करने की मांग

इंदौर में कांग्रेस का हस्ताक्षर अभियान: SIR में 5 लाख से ज्यादा मतदाता लापता, लिस्ट सार्वजनिक करने की मांग
Indore Congress Protest

इंदौर। विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची के सत्यापन को लेकर इंदौर में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मतदाता-सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम के दौरान सामने आए आंकड़ों ने पूरे जिले में हलचल मचा दी है। मतदाता सूची से 5 लाख से ज्यादा नाम गायब होने पर कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि इसके पीछे राजनीतिक मंशा छिपी हुई है। पार्टी ने इस पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए "गायब मतदाताओं" की सूची सार्वजनिक करने की भी मांग उठाई है।

सत्ता पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए हटाए नाम

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि SIR प्रक्रिया में इंदौर जिले की नौ विधानसभा सीटों पर कुल 5 लाख 68 हजार (या 5.58 लाख) मतदाता मौके पर नहीं मिले, जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में इन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कुल अंतर 4,17,717 वोटों का था। कांग्रेस के अनुसार यह संयोग नहीं, बल्कि मतदाता सूची में हेराफेरी का स्पष्ट संकेत है।

प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि इतनी बड़ी संख्या में मतदाता मौके पर नहीं मिले हैं, तो ज़रूरी है कि प्रशासन उनकी पूरी सूची सार्वजनिक करे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में बिना सत्यापन के इन्हें पुनः मतदाता सूची में शामिल न किया जाए। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इस मांग पर कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

आंकड़े खुद बयां कर रहे कहानी

जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी SIR रिपोर्ट के अनुसार इंदौर की 9 विधानसभा सीटों में:

  • 41,625 मृतक
  • 2,68,303 अपने बताए पते पर नहीं मिले
  • 2,03,834 शिफ्टेड
  • 19,154 रिपीटेड
  • 25,962 अन्य श्रेणी में

इस प्रकार कुल 5.58 लाख से अधिक मतदाता मौके पर नहीं पाए गए।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यदि इतने विशाल स्तर पर मतदाता सूची में त्रुटियाँ मिली हैं, तो चुनाव की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है।

कांग्रेसियों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान

इसी मुद्दे को लेकर पूर्व पार्षद दिलीप कौशल के नेतृत्व में छावनी चौराहे पर नागरिकों के साथ हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। हजारों लोगों ने अपने हस्ताक्षर कर भारत निर्वाचन आयोग से वोट की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

दिलीप कौशल ने कहा कि SIR की स्टेटस रिपोर्ट में 100% सर्वे पूरा होने का दावा किया गया है, फिर भी मौके पर नहीं मिलने वाले मतदाताओं के पंचनामा तैयार नहीं किए गए और न ही गणना-पत्रक (फॉर्म) वापस बुलाए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 14 अगस्त 2025 को बिहार के संबंध में दिए गए आदेश की भी अवहेलना की गई है, जिसमें ऐसे मतदाताओं का विवरण सार्वजनिक करने के निर्देश दिए गए थे।

कौशल ने यह भी कहा कि आशंका है कि अंतिम समय में यही “गायब मतदाता” दोबारा अचानक सूची में शामिल कर दिए जाएंगे, जिससे वोट-चोरी की संभावनाएँ बढ़ जाएँगी। इसी के विरोध में हस्ताक्षर अभियान कर निर्वाचन आयोग को ज्ञापन भेजा जा रहा है।

कांग्रेस की मांगें - 

  1. गायब मतदाताओं की पूरी सूची तत्काल सार्वजनिक की जाए।
  2. SIR प्रक्रिया के हर चरण को पारदर्शी तरीके से जनता के सामने रखा जाए।
  3. जिन मतदाताओं के पते सत्यापित नहीं हुए, उनका पुनः सत्यापन किया जाए।
  4. वोटर लिस्ट में बिना जांच के किसी भी नाम को दोबारा शामिल न किया जाए।

लोकतंत्र की नींव खतरे में?

इस अभियान में रवि गुरनानी, सोनिला मिम्ररोट, कमल वर्मा, दिनेश सिलावट, बादशाह मिम्ररोट, विनोद जगताप सहित कई नागरिक और कार्यकर्ता शामिल हुए।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मतदाता सूची ही लोकतंत्र की आधारशिला है। यदि उसी में गड़बड़ियाँ होंगी तो चुनावी प्रक्रिया पर भरोसा कम होना स्वाभाविक है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने वोट की सुरक्षा के लिए जागरूक रहें।