रीवा में करोडो की लागत से निर्मित ओवर ब्रिज बन चुके हैं जानलेवा

रीवा शहर को ट्रैफिक जाम और रेलवे फाटकों से निजात दिलाने के उद्देश्य से 34 करोड़ की लागत से बना रेलवे ओवरब्रिज महज तीन वर्षों में ही जर्जर अवस्था में पहुंच गया है। ब्रिज की सतह उखड़ चुकी है, लोहे की छड़ें बाहर निकल आई हैं और स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं।

रीवा में करोडो की लागत से निर्मित ओवर ब्रिज बन चुके हैं जानलेवा

ऋषभ पांडेय 

रीवा । जिन उम्मीदों के साथ रीवा शहर को जाम और रेलवे फाटकों से निजात दिलाने के लिए करोड़ों रुपये की लागत से रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया गया था, वही पुल आज लोगों के लिए मुसीबत का कारण बनता जा रहा है। 34 करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह ब्रिज महज तीन साल में ही जर्जर हो चुका है।

सड़क की सतह कई जगहों से उखड़ चुकी है, लोहे की छड़ें बाहर निकल आई हैं, स्पीड ब्रेकर टूटकर खतरनाक बन चुके हैं, बता दे 29 जून 2022 को आचार संहिता के बीच सादगी से लोकार्पित इस पुल को रीवा के शहरी विकास की बड़ी उपलब्धि माना गया था।

शहरवासियों को उम्मीद थी कि यह पुल जाम और ट्रैफिक दबाव से राहत दिलाएगा। शुरुआत में इसकी चमक-दमक ने लोगों को प्रभावित भी किया, लेकिन जैसे-जैसे समय बीता, ब्रिज की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे। आज हालत यह है कि इस ब्रिज से गुजरना विशेषकर दोपहिया चालकों के लिए जोखिम भरा हो गया है।

ब्रिज की सतह से जगह-जगह निकली लोहे की छड़ें दोपहिया वाहनों के टायरों को पंचर कर रही हैं। कई स्थानों पर तो पूरा का पूरा पैच ही उखड़ चुका है। दिन में तो लोग इन गड्ढों को देख बचाव कर लेते हैं, लेकिन रात के समय यही गड्ढे दुर्घटनाओं की वजह बन रहे हैं।

ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जब अचानक सामने आए गड्ढों से वाहन असंतुलित होकर गिर पड़े। और अस्पताल पहुंच गए। 

लाइटिंग सिस्टम भी फेल

ब्रिज पर प्रकाश व्यवस्था की हालत भी बेहद खराब है। शाम ढलते ही पूरा क्षेत्र अंधकार में डूब जाता है। स्ट्रीट लाइट्स या तो बंद हैं या अधूरी हैं। ऐसे में वाहन चालकों को न तो गड्ढे नजर आते हैं और न ही सड़क की दिशा स्पष्ट होती है। यह स्थिति विशेषकर बारिश के मौसम में और भी खतरनाक हो जाती है।

समान फ्लाईओवर की हालत और भी चिंताजनक

सिर्फ आरओबी ही नहीं, बल्कि उसके समानांतर बना फ्लाईओवर, जो मार्च 2021 में तैयार हुआ था, उसकी स्थिति भी बेहद खराब है। करीब 750 मीटर लंबे इस फ्लाईओवर की सड़क आधा दर्जन स्थानों पर पूरी तरह उखड़ चुकी है। यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को हर रोज जोखिम उठाना पड़ता है। बारिश और ट्रैफिक के चलते गड्ढे लगातार गहरे होते जा रहे हैं।

परफॉर्मेंस गारंटी खत्म, जिम्मेदार एजेंसी मौन

समान फ्लाईओवर निर्माण की परफॉर्मेंस गारंटी मार्च 2024 में समाप्त हो चुकी है। अब इसकी देखरेख और मरम्मत की जिम्मेदारी पूरी तरह सेतु निगम की है। लेकिन न तो एजेंसी गंभीर है और न ही प्रशासन कोई ठोस कदम उठा रहा है। जबकि परफॉर्मेंस गारंटी के दौरान ही सतह उखड़ने के लक्षण दिखने लगे थे, परन्तु निर्माण एजेंसी ने समय रहते सुधार नहीं कराया।

कई बार कराई गई अस्थायी भराई, लेकिन नहीं मिला समाधान

पिछले दो महीनों में फ्लाईओवर पर कई बार अस्थायी रूप से कांक्रीट भराई की गई। एक बार बारिश शुरू होने से पहले और दूसरी बार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दौरे के पूर्व। लेकिन हाल की बारिश ने सारी कांक्रीट बहा दी, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है। अब फिर वही गड्ढे, वही छड़ें और वही खतरे दोहराए जा रहे हैं।

जनता बेहाल, जिम्मेदार बेखबर

स्थानीय राहगीरों का कहना है कि इतनी ड़ी लागत से बने पुल की यह हालत शर्मनाक है। सरकार को चाहिए कि तत्काल इसकी जांच कराए और दोषियों पर कार्रवाई करे। साथ ही फ्लाईओवर व आरओबी की स्थायी मरम्मत कराकर लाइटिंग की समुचित व्यवस्था की जाए।

प्रतिभा पाल कलेक्टर रीवा का कहना है-

बरसात के दिनों में ऐसी समस्याएं सामने आती हैं समीक्षा बैठक कर मरम्मत कार्य के लिए निर्देशित किया गया है।