MP NEWS : दसवीं पास होने के बाद भी एमपी के डेढ़ लाख छात्र सेना की भर्ती के लिए अयोग्य
मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल में दसवीं बोर्ड की परीक्षा पास होने के बाद भी लगभग डेढ़ लाख विद्यार्थी सेना की भर्ती के लिए अयोग्य हो गए हैं।

नीरज गौर, भोपाल. मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल में दसवीं बोर्ड की परीक्षा पास होने के बाद भी लगभग डेढ़ लाख विद्यार्थी सेना की भर्ती के लिए अयोग्य हो गए हैं। ऐसे में विद्यार्थियों के लिए माशिमं ने सेकंड एक्जाम का अवसर दिया है। इसके लिए एमपी ऑनलाइन के माध्यम से आवेदन भरवाए जा रहे हैं।
बेस्ट ऑफ फाइव ने बिगाड़ा विद्यार्थियों का हिसाब-किताब
दरअसल स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा लागू की गई बेस्ट ऑफ प्रणाली के अंतर्गत छह विषयों में से एक में विद्यार्थी पास नहीं है, लेकिन अंकसूची के अनुसार वह उत्तीर्ण है, तो वह भारत सरकार द्वारा लिए जाने वाला आर्मी (जीडी) के फार्म को नहीं भर सकता। क्योंकि उस फार्म में छात्रों को दसवीं की परीक्षा में विज्ञान, गणित एवं हिंदी जैसे विषयों में उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है। मप्र में संचालित आईटीआई में भी यदि छात्र गणित व विज्ञान के साथ दसवीं उत्तीर्ण नहीं करता है, तो कई ट्रेड्स में प्रवेश के लिए अयोग्य घोषित किया जाता है। इस बार दसवीं में पास होने के बाद भी करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी ऐसे हैं, जो सेना की भर्ती व आईटीआई में प्रवेश के लिए दस्तावेजों के आधार पर अयोग्य हैं। ऐसे में विद्यार्थी सेकंड एक्जाम में शामिल होकर गणित, अंग्रेजी व विज्ञान जैसे विषयों में पास हो सकते हैं।
सेकंड एक्जाम में सिर्फ फर्स्ट एक्जाम में हुए फेल विषय की परीक्षा दे सकते हैं। सेकंड एक्जाम के लिए एमपी ऑनलाइन के माध्यम से फार्म भरवाए जा रहे हैं। फार्म भरने की अंतिम तिथि 21 मई तक रहेगी। गौरतलब है कि इस आदेश का सबसे ज्यादा फायदा गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के फेल विद्यार्थियों के लिए होगा। इन विषयों में अच्छे नंबर लाकर विद्यार्थी सेना की भर्ती के आवेदन के लिए योग्य हो सकते हैं।
गणित-अंग्रेजी में डेढ़-डेढ़ लाख विद्यार्थी हुए फेल
दरअसल मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में आठ साल पहले दसवीं में आधे से अधिक छात्र फेल हो गए थे। इस संकट से उबरने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बेस्ट ऑफ फाइव को लागू कर दिया। इसमें परीक्षार्थी सभी छह विषयों की परीक्षा में शामिल होंगे, लेकिन सर्वाधिक पांच अंक वाले विषय के नंबर जोड़कर रिजल्ट घोषित किया जाएगा। सबसे कम अंक वाले विषयों को रिजल्ट में शामिल नहीं किया जाता है। इससे विद्यार्थियों ने गणित, अंग्रेजी या विज्ञान में पर ज्यादा ध्यान बंद कर दिया। बेस्ट ऑफ फाइव लागू होने के बाद पिछले सालों में दसवीं की गणित व अंग्रेजी में सबसे ज्यादा विद्यार्थी फेल हुए थे। इस बार भी यही हाल है। इस बार दसवीं की परीक्षा में बीते पंद्रह सालों में सबसे ज्यादा रिजल्ट रहा, लेकिन गणित, अंग्रेजी व विज्ञान विषयों में विद्यार्थी सबसे ज्यादा फेल हैं।
इस बार दसवीं की गणित में 8,10,019 विद्यार्थी शामिल हुए हैं। इसमें से 1,46,765 विद्यार्थी फेल हो गए। विज्ञान विषय में 8,10,019 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें 1,69,221 विद्यार्थी फेल हुए है। फेल प्रतिशत 21.24 प्रतिशत है। अंग्रेजी में 8,04,887 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें 1,66,407 विद्यार्थी फेल हुए। फेल प्रतिशत 21 फीसदी है। सामाजिक विज्ञान में 8,10,019 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें 86,193 विद्यार्थी फेल हुए हैं। हिंदी विषय में 8,06,040 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें 68076 विद्यार्थी फेल हुए हैं। संस्कृत विषय में 7,24,965 विद्यार्थी शामिल हुए। इसमें मात्र 30971 विद्यार्थी फेल हुए हैं। पास प्रतिशत 95.66 फीसदी रहा है।