डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति पर कनाडाई कारोबारी की दो टूक, अमेरिका को भारी पड़ सकता है भारत से टकराव..
भारत से झगड़ा मोल लेना बहुत बड़ी भूल ' बड़े बिजनेसमैन ने ट्रंप को चेताया, वजह भी बताई

शिवेंद्र सिंह
India-Us Trade Deal: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति (Donald Trump Tariff) और भारत के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना तेज हो गई है. इसी कड़ी में कनाडा के बड़े कारोबारी और टेस्टबेड नामक टेक्नोलॉजी कंपनी के चेयरपर्सन किर्क लुबिमोव (Kirk Lubimov) ने भी ट्रंप की नीतियों को लेकर कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने साफ कहा है. कि भारत से झगड़ा मोल लेना अमेरिका के लिए एक “बहुत बड़ी जियोपॉलिटिकल गलती” साबित हो सकती है. लुबिमोव ने कहा. कि वर्तमान में भारत एशिया का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है. अमेरिका एशिया में चीन की बढ़ती ताकत पर रोक लगाना चहता है. तो भारत के साथ सहयोगपूर्ण संबंध जरूरी हैं. उन्होने कहा. की ट्रंप का भारत पर लगाए गए टैरिफ और व्यापारिक दबाव से अमेरिका को दीर्घकालिक नुकसान हो सकता है.
ट्रंप की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति पर सवाल
डोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति के तहत कई देशों पर टैरिफ लगाए गए हैं, जिनमें भारत भी शामिल है. भारत पर लगाए गए आयात शुल्कों से दोनों देशों के व्यापार संबंधों में खटास आई है. भारत ने भी जवाबी टैरिफ लगाकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. इससे द्विपक्षीय व्यापार और रणनीतिक सहयोग के कई आयाम प्रभावित हो रहे हैं.
भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका
किर्क लुबिमोव (Kirk Lubimov) ने भारत की वैश्विक भूमिका की सराहना करते हुए कहा. कि भारत न केवल एक विशाल उपभोक्ता बाजार है, बल्कि तकनीकी और सैन्य क्षेत्र में भी उसकी प्रगति सराहनीय है. “भारत को नजरअंदाज करना या उसके साथ टकराव की राह अपनाना, अमेरिका के लिए एशिया में अपने दीर्घकालिक हितों को कमजोर करने जैसा होगा,
व्यापारिक दुनिया की चिंता
टेस्टबेड जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियों और वैश्विक निवेशकों के बीच यह चिंता गहराती जा रही है कि राजनीतिक तनावों की वजह से वैश्विक सप्लाई चेन और निवेश के अवसरों पर असर पड़ सकता है. लुबिमोव ने कहा कि व्यापार और कूटनीति को अलग-अलग रखना चाहिए. “यह वक्त व्यापारिक सहयोग और नवाचार को प्राथमिकता देने का है, न कि टैरिफ और टकराव का,” उन्होंने जोर दिया.कनाडा के कारोबारी किर्क लुबिमोव की यह चेतावनी इस बात का संकेत है. कि डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों से न केवल अमेरिका-भारत संबंध प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि इससे वैश्विक व्यापार और रणनीतिक संतुलन पर भी असर पड़ सकता है. आने वाले समय में अमेरिका को अपनी नीतियों की समीक्षा कर सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि एशिया में उसकी स्थिति मजबूत बनी रहे.