मऊगंज : जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से हजारों छात्र शिक्षा और सरकारी योजनाओं से वंचित,समाज ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
नवगठित मऊगंज जिले में 'कुम्हार' समाज को जाति प्रमाण पत्र न मिलने से गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। लगभग 50,000 छात्र-छात्राएं आरटीई, छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी योजनाओं से वंचित हो चुके हैं

पब्लिक वाणी मऊगंज
नवगठित मऊगंज जिले में एक चिंता जनक और समस्या भरी बड़ी खबर सामने आई है जहां जिला बनने के बाद प्रजापति कुम्हार समाज को जाति प्रमाण पत्र न मिलने से 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा और शासन की अन्य योजनाओं से पूरी तरह वंचित हैं।
जाति प्रमाण पत्र न बनने के कारण प्रजापति समाज के विद्यार्थियों का आरटीई के तहत प्रवेश, एमपी टास्क की छात्रवृत्ति, और अन्य संवैधानिक अधिकार सब कुछ सिर्फ इसीलिए बंद है क्योंकि प्रशासन के पोर्टल पर ‘कुम्हार’ जाति का नाम प्रदर्शित नहीं हो रहा।
यह स्थिति बीते दो वर्ष से निर्मित है समस्या के निजात हेतु प्रजापति समाज द्वारा जिला प्रशासन से लेकर जन प्रतिनिधियों तक से गुहार लगाई गई लेकिन जिला बनने के ठीक 720 दिन से भी अधिक का समय गुजर गया लेकिन आज तक सुधार नहीं हो पाया।
इस विषय को लेकर अखिल भारतीय कुमार महासभा मऊगंज के जिला अध्यक्ष राममिलन प्रजापति ने बताया कि वे पांच बार कलेक्टर और कई बार जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन मिले हैं, जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा समस्या का समाधान नहीं नहीं किया जा गया।
निर्मित समस्या से परेशान प्रजापति समाज के लोगों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो होगा उग्र आंदोलन कुरुख अख्तियार करेंगे। गौरतलब है कि 13 अगस्त 2023 को मऊगंज को नया जिला घोषित किया गया, लेकिन तभी से प्रजापति कुम्हार समाज के 50000 से अधिक छात्र-छात्राएं जातिगत पहचान से वंचित हो गए।
जाति प्रमाण पत्र के बिना न तो आरटीई के तहत स्कूलों में एडमिशन मिल रहा है और ही स्कॉलरशिप और ना ही किसी भी प्रकार की योजना का लाभ।
सामाजिक योजना का लाभ न मिलने के कारण एक तरफ जहां प्रजापति समाज के लोग सरकार की उन योजनाओं से वंचित हैं जो उन्हें मिलना चाहिए वहीं दूसरी ओर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है इतना ही नहीं सबसे बड़ी बात यह है सामने आ रही है कि कई बार ज्ञापन एवं गुहार लगाने के बाद भी आज तक समस्या का निदान नहीं हो पाया जिसको लेकर समाज के लोगों में आक्रोश का माहौल देखा जा रहा है।
बता दें कि रीवा जिले में अनुसूचित जाति के रूप में दर्ज यह समाज, मऊगंज आते ही सिस्टम से गायब हो गई ..? पूर्व में रीवा जिले में ‘कुम्हार’ जाति अनुसूचित जाति की सूची में सरल क्रमांक 35 पर थी।
लेकिन मऊगंज जिले में न तो जाति सूची अपडेट की गई और न ही पोर्टल में इसका जिक्र है।लोक सेवा केंद्रों में भी आवेदन लेने से मना कर दिया गया ! जब तक पोर्टल में जाति का नाम नहीं आता, प्रमाण पत्र नहीं बन सकता ? जिससे लोग परेशान हैं।
इनका कहना है:
नया जिला बनने के बाद मैपिंग के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है जिस विषय के लिए राज्य शासन को लिखा गया है 15 दिवस के अंदर प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी, बच्चों के एडमिशन हेतु शिक्षा विभाग के अधिकारियों को लिखा गया है की कोई विद्यार्थी एडमिशन से वंचित न होने पावे, ऐसे निर्देश दिए गए हैं।
संजय जैन
कलेक्टर मऊगंज