NMOPS द्वारा पांच सूत्रीय मांगों का सौंपा गया ज्ञापन, E अटेंडेंस को बताया अनुचित, कहा शिक्षकों के साथ गलत व्यवहार
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के राष्ट्रीय एवं प्रांतीय निर्देशन में जिला इकाई रीवा द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन रीवा कलेक्टर को सौंपा गया। ज्ञापन में शिक्षकों और कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना को हूबहू लागू करने, एनपीएस के तहत मृत शासकीय सेवकों के परिवारों को केंद्र सरकार की तर्ज पर पेंशन देने, और ई-अटेंडेंस व्यवस्था को शिक्षा विभाग से हटाने की प्रमुख मांगें उठाईं।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन के राष्ट्रीय एवं प्रांतीय निर्देशन में जिला इकाई रीवा द्वारा मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर रीवा को सौंपा गया।
ज्ञापन में राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन जिला इकाई रीवा द्वारा मुख्य रूप से प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरीयता का लाभ देकर ग्रेच्युटी एवं अवकाश नकदीकरण की व्यवस्था लागू करने, एनपीएस धारी मृत शासकीय सेवक को केंद्र सरकार के अनुसार परिवार को पेंशन की पात्रता, 2005 के पश्चात नियुक्त समस्त विभाग के शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने, यूनिफाइड पेंशन स्कीम नहीं बल्कि हूबहू पुरानी पेंशन बहाली योजना लागू करने तथा शिक्षा विभाग में लागू की जा रही ई अटेंडेंस व्यवस्था को समाप्त करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा गया।
ई अटेंडेंस व्यवस्था के संबंध में जिला कार्यकारी अध्यक्ष रामपाल गौतम द्वारा कहना है कि विभिन्न विभागों में इस व्यवस्था को लागू नहीं किया गया है जबकि शिक्षा विभाग अपने आप अपने कार्य को छात्रों की परीक्षा के माध्यम से प्रतिवर्ष सिद्ध करता है कि शिक्षक कितने लगन मेहनत के साथ कार्य करते हैं और जो छात्र वंचित पिछड़े होते हैं
उन्हें इस स्थिति में लाकर खड़ा करते हैं कि वह निजी विद्यालयों में अत्यधिक भौतिक सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर रहे छात्रों को भी पीछे छोड़कर हमारे शासकीय विद्यालय निरंतर अच्छे परिणाम देते आ रहे हैं बावजूद इसके शिक्षकों की कार्यशैली पर संदेह व्यक्त करना सरकार की मंशा को सही नहीं ठहराता.
जबकि शिक्षक शिक्षा के कार्य के साथ-साथ शासन द्वारा लोकहित में विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे अभियानों को भी जनता तक पहुंचाने का भी निरंतर कार्य करते रहे हैं, शासन को इस विषय पर विचार करना चाहिए किसी भी विभाग द्वारा उनके कार्य की प्रतिवर्ष समीक्षा नहीं होती किंतु शिक्षा विभाग में कार्य कर रहे शिक्षकों की प्रतिवर्ष परीक्षा होती है उनके द्वारा दिया गया परीक्षा परिणाम अपने आप में शिक्षकों के कार्य को सिद्ध करता है.
शिक्षा विभाग में शिक्षकों के कार्य की निगरानी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अतिरिक्त राजस्व व समय-समय पर अन्य अधिकारियों को विद्यालय की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी देकर जांच करवाई जाती रही है बावजूद इसके शिक्षकों के कार्य को संदेह की दृष्टि से देखना शिक्षकों के लिए अपमान स्वरूप है.
इस प्रकार शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाना सर्वथा अनुचित है शासन को इस ई अटेंडेंस व्यवस्था को शिक्षा विभाग से तुरंत वापस लिया जाना चाहिए उक्त ज्ञापन कार्यक्रम में प्रांतीय उपाध्यक्ष मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस रमाकांत शुक्ला एनएमओपीएस जिला अध्यक्ष राज बहादुर सिंह जिला महासचिव कमल नारायण त्रिपाठी मंगलेश्वर तिवारी राकेश कुमार निगम राजेश शुक्ल मयंक पांडे बालमुकुंद पांडे सतीश कुमार सोनी सहित सैकड़ो शिक्षक एवं कर्मचारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।