माइक्रोफाइनेंस कंपनी में लाखों की जालसाजी, ऑडिट में खुला फर्जीवाड़ा
रीवा जिले के मनगवां में मित्रता इंक्लूसिव फाइनेंस सर्विसेस लिमिटेड की शाखा में धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। कंपनी के दो कर्मचारियों—क्षेत्रीय प्रबंधक राहुल विश्वकर्मा और फील्ड ऑफिसर दीपक वर्मन—ने लोनधारकों से किश्तें तो वसूलीं, लेकिन वो पैसा कंपनी खाते में जमा करने की बजाय अपने खातों में डाल दिया और फरार हो गए।
जिले के मनगवां में संचालित मित्रता इंक्लूसिव फाइनेंस सर्विसेस लिमिटेड की शाखा में दो कर्मचारियों द्वारा की गई आर्थिक जालसाजी का मामला सामने आया है। इन कर्मचारियों ने लोनधारकों से मासिक किश्तें तो वसूलीं, लेकिन यह राशि कंपनी के खाते में जमा करने के बजाय अपने निजी खातों में डाल दी और बाद में फरार हो गए।
कंपनी को जब इसकी भनक लगी तो आंतरिक ऑडिट कराई गई, जिसमें पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। कंपनी की शिकायत पर मनगवां थाना पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक राहुल विश्वकर्मा और फील्ड ऑफिसर दीपक वर्मन के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, दोनों आरोपियों ने मार्च 2024 से अप्रैल 2025 के बीच यह फर्जीवाड़ा अंजाम दिया। राहुल विश्वकर्मा ने करीब 1.50 लाख रुपये और दीपक वर्मन ने 96,818 रुपये लोनधारकों से वसूल किए थे, जिसे उन्होंने कंपनी खाते में जमा नहीं किया।
कंपनी ने ऑडिट कराई, सामने आया पूरा घोटाला
लंबे समय तक किश्तें जमा न होने के बावजूद जब लोनधारकों को बकाया नोटिस भेजे जाने लगे, तब मामला सामने आया। फाइनेंस कंपनी ने जब पूरे मामले की जांच करवाई, तो पाया गया कि ग्राहकों से वसूली गई कुल 2.47 लाख रुपये की राशि कंपनी खाते में जमा नहीं हुई है।
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इसकी शिकायत कंपनी के मैनेजर अरविंद कुशवाहा ने मनगवां थाने में दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

लोनधारकों की बढ़ सकती हैं परेशानियां
इस घटना का सबसे बड़ा असर उन ईमानदार लोनधारकों पर पड़ सकता है, जिन्होंने समय पर अपनी किश्तें संबंधित कर्मचारियों को दी थीं। राशि कंपनी में जमा न होने के कारण अब उनके ऊपर बकाया ब्याज और पेनल्टी लगने की आशंका है।
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इससे उनकी क्रेडिट हिस्ट्री भी प्रभावित हो सकती है और भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।

अन्य फर्जीवाड़ों की भी हो रही जांच
कंपनी द्वारा कराए जा रहे विस्तृत ऑडिट में आशंका जताई जा रही है कि यह जालसाजी सिर्फ एक बार की नहीं, बल्कि संगठित तरीके से लंबे समय से चल रही हो सकती है। इस संभावना को ध्यान में रखते हुए पुलिस और कंपनी, दोनों स्तरों पर जांच तेज कर दी गई है।
Saba Rasool 
