बॉटल स्टैण्ड बन खड़ी रही बुजुर्ग महिला, एम्बुलेंस को चलाने में लगे मरीज
ड्रिप लगाने के लिए स्टैंड नहीं मिला, तो बुजुर्ग महिला को घंटों तक हाथ में ग्लूकोज की बोतल पकड़कर खड़े रहना पड़ा।

बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की इन दो तस्वीरों को देखिए — जहां ड्रिप लगाने के लिए स्टैंड नहीं मिला, तो बुजुर्ग महिला को घंटों तक हाथ में ग्लूकोज की बोतल पकड़कर खड़े रहना पड़ा। जब कई मशक्कत के बाद भी एम्बुलेंस नहीं चल पाई, तो लोगों को ही धक्का लगाना पड़ा।
सतना जिला अस्पताल की घटना
ये दोनों ही तस्वीरें सतना के सरदार वल्लभभाई पटेल जिला अस्पताल की हैं।अस्पताल में न तो ग्लूकोज रखने के लिए स्टैंड है और न ही एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था। आते-जाते अस्पताल प्रबंधन के लोग देख रहे हैं, लेकिन मजाल है कि कोई मदद कर दे।
सतना ज़िला अस्पताल में घायल युवक को ड्रिप लगाने तक के लिए स्टैंड नहीं मिला, 72 साल की दादी को आधे घंटे तक हाथ से बोतल पकड़नी पड़ी।
— Kamleshwar Patel (@Kamleshwar_INC) August 17, 2025
मध्य प्रदेश के भाजपा राज में स्वास्थ्य सेवा ख़ुद बीमार है! ???????? pic.twitter.com/Bz8jntQj9t
शनिवार की शाम मैहर से सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीज अश्वनी मिश्रा (35) को जिला अस्पताल रेफर किया गया था। यहां डॉक्टर ने मरीज को ड्रिप तो लगा दी, लेकिन ड्रिप के लिए स्टैंड देना भूल गए। जिसकी वजह से मरीज के साथ आई 72 वर्षीय दादी को आधे घंटे तक ड्रिप की बोतल पकड़कर खड़े रहना पड़ा।
यहां तक कि उसी दिन अस्पताल से एक और वीडियो वायरल हुआ, जिसने सतना के अस्पताल की पोल ही खोल दी। घायल को लेकर आने वाली एम्बुलेंस जब मरीज को उतारकर वापस जाने की तैयारी कर रही थी, तो एम्बुलेंस ने चलने का नाम ही नहीं लिया। जिसके बाद मरीजों को ही मिलकर एम्बुलेंस को धक्का मारना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल इन वीडियो ने अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।