कैसे दुनिया भर में काबू किए जाते हैं आवारा कुत्ते और बिल्ली
भारत में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जाएगा। दूसरे देशों में TNR जैसे प्रोग्राम के जरिए जानवरों को नियंत्रित किया जाता है।

आवारा कुत्तों को लेकर चल रहे प्रोटेस्ट के बाद, आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को फैसला सुना ही दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब कुत्तों को पकड़ कर उनकी नसबंदी और टीकाकरण करने के बाद छोड़ दिया जाएगा, और जो कुत्ते ज्यादा खतरनाक हैं, उन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दूसरे देशों में आवारा कुत्तों से कैसे निपटा जाता है?
TNR प्रोग्राम क्या है?
दूसरे देशों में आवारा कुत्तों या जानवरों से निपटने के लिए TNR प्रोग्राम का इस्तेमाल किया जाता है। इसके तहत जंगली बिल्लियों को पकड़ा जाता है, उनकी नसबंदी और टीकाकरण किया जाता है, फिर कान काटकर उनकी पहचान की जाती है, और फिर उन्हें वापस छोड़ दिया जाता है। इसके अलावा, खूंखार कुत्तों को शेल्टर होम में रखा जाता है।
भारत की ही तरह, दुनिया के किसी भी देश में आवारा कुत्तों के लिए पर्याप्त शेल्टर होम नहीं हैं, जिसकी वजह से सभी कुत्तों को शेल्टर होम में रखना असंभव है। इसके लिए दूसरे देश कुत्तों को TNR प्रोग्राम के तहत डील करते हैं, फिर उन्हें वापस छोड़ देते हैं। और जो कुत्ते ज्यादा खतरनाक होते हैं, उन्हें शेल्टर में रखा जाता है। हर कुत्ते के लिए शेल्टर में एक समय सीमा निर्धारित होती है। अगर तब तक उन्हें कोई गोद नहीं लेता, तो उनकी जिंदगी समाप्त करनी पड़ती है। और अगर किसी ने गोद ले लिया तो उन्हें कुत्ते दे दिए जाते हैं।
वहीं भारत में एनिमल बर्थ कंट्रोल नियम 2001 बनाया गया है, जिसके तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जाता है।भारत में भी अब TNR मॉडल अपनाया जाएगा।