MP NEWS : प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने गुजरात की तर्ज पर संगठन खड़ा करेगी कांग्रेस
मध्य प्रदेश में भाजपा के तगड़े नेटवर्क से टक्कर लेने के लिए कांग्रेस को अगले चुनावों से पहले अपना कैडर फिर से बनाना है। लिहाजा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, प्रभारी हरीश चौधरी, सह प्रभारी रणविजय सिंह, संजय दत्त समेत प्रदेश के दिग्गज नेता नए सिरे से संगठन गढऩे में लगे हुए हैं।

अजीत द्विवेदी, भोपाल. मध्य प्रदेश में भाजपा के तगड़े नेटवर्क से टक्कर लेने के लिए कांग्रेस को अगले चुनावों से पहले अपना कैडर फिर से बनाना है। लिहाजा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, प्रभारी हरीश चौधरी, सह प्रभारी रणविजय सिंह, संजय दत्त समेत प्रदेश के दिग्गज नेता नए सिरे से संगठन गढ़ने में लगे हुए हैं। इसी के तहत कांग्रेस प्रदेश में भाजपा के अभेद गढ़ों में शामिल विधानसभाओं को टारगेट कर रही है। कांग्रेस ने गुजरात में संगठन को नए सिरे से खड़ा किया है। कांग्रेस ने जिन छह जिलों को चिन्हित किया है, उनमें गुजरात की तर्ज पर नई सिरे से संगठन को खड़ा करने की रणनीति पर काम हो रहा है। इसको लेकर पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की भी तैयारी है।
विदिशा से होगी इसकी शुरूआत
मध्यप्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरुआत विदिशा जिले से होगी। इसे लेकर गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी चौधरी के नेतृत्व में बैठक भी आयोजित की गई। यहां 60 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया। अब यह सभी विदिशा में एक महीने के लिए डेरा डालेंगे। साथ में प्रदेश प्रभारी चौधरी और पीसीसी चीफ पटवारी भी यहां कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे। खासबात यह है कि यहां बूूथ अध्यक्ष से लेकर जिला अध्यक्ष तक की घोषणा जिले में होगी।पर्यवेक्षकों को रिपोर्ट के आधार पर पीसीसी निर्णय लेगी।
दरअसल प्रदेश में गुजरात की तर्ज पर ही मप्र में भी कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। इसी वजह से प्रदेश में कांग्रेस जिला अध्यक्षों की जारी होने वाली सूची को रोक दिया गया है। हालांकि जिन जिलों में अध्यक्षों के पद खाली है, वहां एक सप्ताह के भीतर नाम की घोषणा हो जाएगी। गौरतलब है कि गुजरात राज्य को राहुल गांधी ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना है। वहां पर अब स्थानीय नेताओं की सिफारिश के बजाय पर्यवेक्षक जिलाध्यक्ष चुनेंगे। गुजरात में जिला अध्यक्षों की घोषणा होने के बाद मध्य प्रदेश में उसी तर्ज पर जिला अध्यक्षों की लिस्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद भोपाल, रायसेन, सीहोर, इंदौर और सागर में इस पर काम किया जाएगा।
कांग्रेस अपने नेताओं को देगी एआई का प्रशिक्षण
कांग्रेस अपने नेताओं को सोशल मीडिया में भी ट्रेड करने के लिए काम कर रही है। इसी के तहत विधायक, जिलाध्यक्ष, विधानसभा प्रभारियों के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे। मप्र में 9 से 15 जून के बीच में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए शुल्क भी निर्धारित किया जाएगा। प्रशिक्षण लेने वाले नेताओं को यह शुल्क जमा करना होगा। यह प्रशिक्षण एआईसीसी प्रशिक्षण विभाग और प्रदेश संगठन संयुक्त रूप से देगा।
जिला अध्यक्षों को मजबूत और अधिकार संपन्न बनाना राहुल गांधी का ड्रीम प्रोजेक्ट
खास बात है कि खुद राहुल गांधी अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को लीड कर रहे हैं। राहुल गांधी का इसके पीछे मकसद यह है कि अब पार्टी को संगठन खासतौर से जिला अध्यक्षों के भरोसे चलाया जाए। इसलिए टिकट वितरण जैसे बड़े काम में उनका रोल तय होगा। लिहाजा वे चाहते हैं कि जिला अध्यक्ष ऐसा बने, जो पार्टी की विचारधारा से जुड़ा हुआ हो। उनका मानना है कि जिला अध्यक्षों के चयन में कोई समझौता अब नहीं होगा। कांग्रेस सूत्रों के अनुसार चार राज्य पर्यवेक्षकों की सहायता से एक केंद्रीय पर्यवेक्षक अब हर जिले में चार या पांच प्रतिभाशाली स्थानीय नेताओं की पहचान करेंगे, जिनका साक्षात्कार लिया जाएगा, उसके बाद उनमें से एक को जिला इकाई की कमान सौंपी जाएगी। जिला इकाई प्रमुख भविष्य में स्थानीय निकाय, विधानसभा और यहां तक कि संसदीय चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करने में भी भूमिका निभाएंगे।
नए फार्मूले के तहत जिलाध्यक्षों का चयन
संगठन की मजबूती के मिशन में जुटे कांग्रेस आलाकमान ने अब जिला अध्यक्षों को फिर से पावरफुल बनाने की दिशा में धरातल पर काम कर रहा है। जिम्मेदारी के साथ जिला अध्यक्षों की जवाबदेही तय करने के लिए अब उनके चयन से जुड़ा कांग्रेस ने नया फार्मूला चुना है। अब विधायक और सांसदों सहित अन्य सीनियर लीडर की सिफारिशों पर जिला अध्यक्ष नहीं बनाए जाएंगे। अब नियुक्ति से पहले बाकायदा हर एंगल और समीकरणों पर खरा उतरने के बाद ही अध्यक्ष का चुनाव होगा। यही नहीं, बूथ से लेकर मंडलम सेक्टर तक बदलाव किए जाएंगे। यह काम भी पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर होगा।