तालिबान की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की नो एंट्री!

तालिबान की भारत में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को एंट्री नहीं दी गई, प्रियंका गांधी ने इस पर पीएम मोदी से सवाल किया, जबकि विदेश मंत्रालय ने खुद को इससे अलग बताया।

तालिबान की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की नो एंट्री!

भारत के अफगान दूतावास में प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी जहां महिला पत्रकारों को एंट्री नहीं दी गई। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात के बाद अफगानिस्तान के तालिबानी विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने रखी थी। इस कॉन्फ्रेंस में कौन से पत्रकार शामिल होंगे ये तालिबान के अधिकारियों ने डिसाइड किया था, जिसमें एक भी महिला पत्रकार का नाम शामिल नहीं था।


इसे लेकर कांग्रेस सांसद प्रियंका वाड्रा ने प्रधानमंत्री मोदी से सवाल किया है। प्रियंका वाड्रा ने X पर लिखा कि –

"प्रधानमंत्री जी, क्या आप ये बता सकते हैं कि तालिबान के प्रतिनिधि की प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को क्यों हटाया गया? अगर महिलाओं के हक़ की बात करना सिर्फ चुनाव के समय की बात नहीं है, तो फिर भारत में ऐसी काबिल महिला पत्रकारों के साथ ऐसा अपमान कैसे होने दिया गया? हमारा देश महिलाओं पर गर्व करता है — फिर ऐसा कैसे मंजूर किया गया?"

विदेश मंत्रालय ने दी सफाई

इस मामले पर विदेश मंत्रालय (MEA) का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी और न ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका कोई रोल था। कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए 10 अक्टूबर को चुनिंदा पत्रकारों को इनविटेशन दिया गया था। विदेश मंत्रालय ने ये भी बताया कि अफगान दूतावास भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। वहीं, इस मामले को लेकर विपक्ष और पत्रकारों में गुस्सा है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर मुत्तकी 9 से 16 अक्टूबर तक भारत के दौरे पर हैं।