सैनिक स्कूल रीवा परिसर में स्थापित होगी महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव की प्रतिमा
रीवा राज्य के अंतिम शासक और सैनिक स्कूल रीवा के संस्थापक महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव की प्रतिमा जल्द ही स्कूल परिसर में स्थापित की जाएगी। इस पहल की शुरुआत महर्षि विश्वामित्र लोक सेवा कल्याण संगठन ने की है और इसे पूर्व छात्र व देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों का समर्थन मिला है।
रीवा राज्य के अंतिम शासक और सैनिक स्कूल रीवा के संस्थापक महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव की प्रतिमा अब सैनिक स्कूल परिसर में स्थापित की जाएगी। इस प्रक्रिया की शुरुआत महर्षि विश्वामित्र लोक सेवा कल्याण संगठन की पहल पर हो चुकी है।
संगठन ने इस ऐतिहासिक और प्रेरणादायक कार्य के लिए सैनिक स्कूल के पूर्व छात्रों से भी संपर्क किया है, जिसके तहत नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी का समर्थन पत्र भी प्राप्त हुआ है। एडमिरल त्रिपाठी ने अपने पत्र में कहा कि महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव केवल एक शासक नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी राष्ट्रभक्त और शिक्षा के प्रति समर्पित व्यक्ति थे।

उन्होंने रीवा में सैनिक स्कूल की स्थापना के लिए अपने स्वामित्व की 200 एकड़ भूमि और युवराज भवन दान कर दिए, जो उनके त्याग और दूरदर्शिता का अनुपम उदाहरण है। त्रिपाठी ने प्रतिमा स्थापना के सुझाव को उत्तम विचार बताया है, जो न केवल महाराजा के योगदान को अमर बनाएगा, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत भी बनेगा।
उन्होंने इस कार्य में हरसंभव सहयोग का आश्वासन भी दिया है।सैनिक स्कूल परिसर में प्रतिमा स्थापना को लेकर वायुसेना भी सक्रिय हो गई है। एयर वाइस मार्शल अमन कपूर ने जानकारी दी कि इस संबंध में सैनिक स्कूल सोसाइटी, जो रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित होती है, से संपर्क किया गया है।

देशभर में संचालित सभी सैनिक स्कूल इसी सोसाइटी के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। अब इस प्रस्ताव को औपचारिक स्वीकृति के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है। महर्षि विश्वामित्र लोक सेवा कल्याण संगठन के लालबहादुर सिंह ने बताया कि यह प्रतिमा न केवल महाराजा के योगदान को सम्मानित करेगी, बल्कि भावी पीढ़ियों को देशभक्ति, सेवा और त्याग का संदेश भी देगी।
ऐतिहासिक त्याग की अद्वितीय मिसाल
सैनिक स्कूल रीवा की स्थापना वर्ष 1962 में भारत सरकार और रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल सोसाइटी के तत्वावधान में हुई थी। उस समय देश में केवल चुनिंदा स्थानों पर सैनिक स्कूल खोले जा रहे थे, और रीवा का नाम संभावित स्थानों की सूची में नहीं था।

लेकिन रीवा के तत्कालीन महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव ने इस चुनौती को अवसर में बदलते हुए न केवल प्रस्ताव का समर्थन किया, बल्कि अपनी पैतृक भूमि और भवन को भी दान में दे दिया। यह दान उस समय के लिए एक अभूतपूर्व निर्णय था, जिसने रीवा को देश के गिने-चुने सैनिक स्कूलों में शामिल कर दिया।

रीवा ने देश को दिए शीर्ष सैन्य अधिकारी
रीवा सैनिक स्कूल न केवल शिक्षा का केंद्र बना, बल्कि यहां से पढ़े छात्र आज देश की रक्षा सेवाओं में शीर्ष पदों पर कार्यरत हैं। वर्तमान में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी, दोनों ही सैनिक स्कूल रीवा के पूर्व छात्र हैं।

यह रीवा और यहां के सैनिक स्कूल की उपलब्धियों का ज्वलंत प्रमाण है।
Saba Rasool 
