बिहार में फिर नीतीश कुमार, एग्जिट पोल में NDA को बंपर बहुमत

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे से पहले आए एग्जिट पोल ने प्रदेश में नई राजनीति हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि ज्यादातर सर्वे एजेंसियों ने एनडीए को स्पष्ट बहुमत दिया है। यानी एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी मतदाताओं के दिल में असर छोड़ती दिख रही है। इस चुनाव में दो गठबंधन एनडीए और महागठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है। इस बार तीसरा दल जन सुराज भी पहली बार मैदान में है।

बिहार में फिर नीतीश कुमार, एग्जिट पोल में NDA को बंपर बहुमत

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे से पहले आए एग्जिट पोल ने प्रदेश में नई राजनीति हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि ज्यादातर सर्वे एजेंसियों ने एनडीए को स्पष्ट बहुमत दिया है। यानी एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी मतदाताओं के दिल में असर छोड़ती दिख रही है। इस चुनाव में दो गठबंधन एनडीए और महागठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला है। इस बार तीसरा दल जन सुराज भी पहली बार मैदान में है।

बिहार की सभी 243 विधानसभा सीट पर एग्जिट पोल आ गए हैं। मैटेराइ के एग्जिट पोल में एनडीए को 147 से 167 तक सीट मिलने का अनुमान है। तो वहीं मैटेराइ ने महागठबंधन को 70 से 90 सीट मिलने का अनुमान जताया है। जबकि पीपुल्स पल्स के एग्जिट पोल में एनडीए को 133 से 159 सीटें मिलने का अनुमान है। पीपुल्स पल्स ने महागठबंधन को 75 से 101 सीट दी है। इसी तरह जेवीसी पोल ने एनडीए को 135 से 150 और महागठबंधन को 88 से 103 सीट दी है। चाणक्य स्ट्रैटेजीज़ के एग्जिट पोल में NDA 130 से 138 और महागठबंधन को 100 से 108 सीट मिलने का अनुमान है। दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल में भी एनडीए को बंपर बहुमत से आने का अनुमान जताया है। दैनिक भास्कर के एग्जिट पोल में एनडीए को 145 से 160 सीटें मिलने की बात कही गई है। जबकि महागठबंध को 73 से 91 सीटें मिल सकती है।

सर्वे एजेंसियों ने बिहार में अगली सरकार को लेकर पूर्वानुमान जारी किए हैं। अधिकांश अनुमानों में एनडीए को स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार हैं। हालांकि अब 14 नवंबर को होने वाली मतगणना के बाद ही साफ होगा कि बिहार में किसके नेतृत्व में सरकार बनेगी।

एग्जिट और ओपिनियन पोल में अंतर

आपको बता दें कि एग्जिट पोल वोटिंग के तुरंत बाद कराया जाता है, जिसमें केवल मतदाताओं को ही शामिल किया जाता है। एग्जिट पोल में वही लोग शामिल होते हैं, जो मतदान कर बाहर निकलते हैं। एग्जिट पोल निर्णायक दौर में होता है। इससे पता चलता है कि लोगों ने किस पार्टी पर भरोसा जताया है। जबकि ओपिनियन पोल एजेंसियां चुनाव से पहले कराती हैं और इसमें सभी लोगों को शामिल किया जाता है। भले ही वो मतदाता है या नहीं। ओपिनियन पोल के नतीजे के लिए चुनावी दृष्टि से अलग-अलग क्षेत्रों के अहम मुद्दों पर जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की जाती है।