रिटायर्ड डीजी जेल IPS संजय चौधरी की संपत्ति की जांच खत्म
रिटायर्ड डीजी जेल आईपीएस संजय चौधरी के खिलाफ लोकायुक्त में बेनामी कमाई और संपत्ति को लेकर दर्ज हुए केस की फाइलें बंद हो गईं हैं.

रिटायर्ड डीजी जेल आईपीएस संजय चौधरी के खिलाफ लोकायुक्त में बेनामी कमाई और संपत्ति को लेकर दर्ज हुए केस की फाइलें बंद हो गईं हैं. इस मामले में लोकायुक्त ने पहले चार साल जांच की. साल 2023 में केस दर्ज किया गया था. केस दर्ज करने के बाद फिर विस्तृत विवेचना की और इसके बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी. मामले को बंद करने के लिए जिला कोर्ट में खात्मा लगाया गया, जिसे अब विशेष न्यायाधीश की कोर्ट से मंजूरी मिल गई है.
सास पर भी लगे गंभीर आरोप
लोकायुक्त के पास कुलजीत एस मख्या ने शिकायत की थी. यह शिकायत साल 2019 में हुई. इसमें संजय चौधरी के साथ उनकी सास प्रेमलता पंचोली पर आरोप लगाए गए थे. सास का निधन जनवरी 2023 में हो गया था. लोकायुक्त ने उनके यहां सर्च भी की और संपत्तियों की जानकारी जुटाई. इसके बाद कमाई और खर्च का हिसाब लगाया.
चौधरी की कमाई 18 करोड़
लोकायुक्त ने जांच में पाया कि चौधरी, उनकी पत्नी रुचिरा चौधरी, पुत्र राहुल व रोहित चौधरी, बहू राधिका व मदीहा चौधरी एक यूनिट हैं. सभी ने मिलकर जांच अवधि के दौरान 18 करोड़ से ज्यादा कमाई की. वहीं इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, संपत्ति खरीदी, विविध निवेश व अन्य पर खर्च 15 करोड़ किया. इस तरह उनकी कमाई किए गए खर्च से 3.20 करोड़ अधिक है. लोकायुक्त द्वारा दिए गए हिसाब के बाद जिला कोर्ट ने खात्मा रिपोर्ट मंजूर कर ली और पाया कि जब कमाई से कम खर्च है तो आय से अधिक कमाई का मामला नहीं बनता है.