पुतिन: भारत कभी अमेरिका के दबाव में नहीं झुकेगा
वलदाई फोरम में पुतिन ने अमेरिका के दबाव के खिलाफ भारत का समर्थन किया और पीएम मोदी की प्रशंसा की।

2 अक्टूबर को रूस के इंटरनेशनल वलदाई फोरम (International Valdai Discussion) में पुतिन भारत का समर्थन करते नजर आए। पुतिन ने कहा कि अमेरिका के दबाव के सामने भारत नहीं झुकेगा। रूस ने अमेरिका द्वारा भारत पर तेल खरीद को लेकर बनाए जा रहे दबाव का विरोध किया। इस कार्यक्रम में 140 से अधिक देशों के रक्षा और भू-राजनीतिक (जियोपॉलिटिकल) विशेषज्ञ शामिल हुए।
पुतिन ने किया टैरिफ नीति का विरोध
गुरुवार को रूस के सोची शहर में आयोजित इस कार्यक्रम में पुतिन ने अमेरिका की टैरिफ नीति का विरोध किया। पुतिन ने कहा कि अगर अमेरिका रूस के व्यापार साझेदारों पर ज्यादा टैरिफ लगाएगा तो इसका असर पूरी दुनिया की ऊर्जा कीमतों पर पड़ेगा। टैरिफ की वजह से कीमतों में तेजी आएगी जिससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व को मजबूरन ब्याज दरें ऊंची रखनी होंगी और इसका नुकसान अमेरिका को ही होगा। इससे उसकी अर्थव्यवस्था धीमी पड़ जाएगी। अगर अमेरिका टैरिफ को बढ़ाता है तो इससे पूरी दुनिया में तेल और गैस महंगे होंगे।
'Russia is grateful to countries like India and China who founded the BRICS. These are nations that refuse to take sides and aspire to truly create a just world,' says Russian President Vladimir Putin pic.twitter.com/Ljx5oL8WKG
— Shashank Mattoo (@MattooShashank) October 2, 2025
इस बीच पुतिन ने भारत के साथ रिश्तों को लेकर भी बात की। पुतिन ने कहा कि —
"भारत के साथ हमारी कभी भी कोई समस्या या तनाव नहीं रहा है। ऐसी स्थिति में जब देश रूस से दूरी बना रहे हैं, तो भारत हमारे साथ है। भारत कभी भी खुद को अपमानित नहीं होने देगा। मैं प्रधानमंत्री मोदी को जानता हूं। वह खुद कभी इस तरह का कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे किसी का भी नुकसान हो।"
पुतिन ने भारत-रूस तेल व्यापार को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि —
"अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद करता है, तो रूस को 9 से 10 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। भारत के साथ व्यापार में हो रहे असंतुलन को सही किया जाएगा।"
इस साल दिसंबर में पुतिन भारत आने वाले हैं, जिसे लेकर उन्होंने उत्सुकता भी जाहिर की। अपने संबोधन के दौरान पुतिन ने कई बार अमेरिका के 'पाखंड' (Hypocrisy) की ओर भी इशारा किया और भारत पर अमेरिका के दबाव का विरोध किया।