MP NEWS : सीईओ के रीडर के नाम पर घूस मांग रहे थे डीपीसी 

जिला पंचायत सीईओ के रीडर आकाश परमार के नाम पर डीपीसी भोपाल ओपी शर्मा रिश्वत की मांग रहे थे, जबकि परमार को इसकी जानकारी नहीं है। वे कहते हैं कि यह सब क्या हो रहा है? इसकी मुझे बिल्कुल भी जानकारी नहीं है। मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में सब कुछ अवगत करा दिया है।

MP NEWS : सीईओ के रीडर के नाम पर घूस मांग रहे थे डीपीसी 
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भोपाल. जिला पंचायत सीईओ के रीडर आकाश परमार के नाम पर डीपीसी भोपाल ओपी शर्मा रिश्वत की मांग रहे थे, जबकि परमार को इसकी जानकारी नहीं है। वे कहते हैं कि यह सब क्या हो रहा है? इसकी मुझे बिल्कुल भी जानकारी नहीं है। मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में सब कुछ अवगत करा दिया है। दूसरी तरफ जिला पंचायत अध्यक्ष रामकुंवर नौरंग सिंह गुर्जर और उपाध्यक्ष मोहन जाट ने डीपीसी को हटाने के लिए प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप को पत्र लिखा है।

भोपाल जिला परियोजना समन्वयक कार्यालय में अनियमितताओं की भरमार है। जिला शिक्षा केंद्र में अधिकांश कर्मचारियों की नियुक्ति में विवाद है। हाल में भोपाल डीपीसी ओपी शर्मा का जिला पंचायत सीईओ के रीडर के नाम पर रिश्वत मांगने का आडियो वायरल हुआ है। आडियो को शर्मा ने साजिश बताया है। गुर्जर और जाट ने पत्र में लिखा है कि जिला शिक्षा केंद्र में पदस्थ डीपीसी ओपी शर्मा का कार्य व्यवहार जनप्रतिनिधियों के प्रति उदासीन है। इस कारण क्षेत्र में उनकी निरंतर शिकायतें प्राप्त हो रही है। कार्य में लापरवाही की जा रही है। जिस कारण शासन की योजनाओं का लाभ उचित समय पर छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। इससे शैक्षणिक गुणवत्ता में भी कमी आ रही है। डीपीसी शर्मा को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।  डीपीसी की कार्यप्रणाली के विरोध में प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन भी विरोध में उतर आया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि डीपीसी कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। बिना राशि लिए किसी स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण नहीं हो रहा है। यहां बैठे कुछ कर्मचारी सोची-समझी रणनीति के तहत वसूली करते है। डीसीपी सहित इन्हें हटाकर छात्रों का भविष्य सुरक्षित किया जाए।

विभागीय मंत्री भी लिख चुके हैं नोटशीट 

स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह भोपाल डीपीसी ओपी शर्मा को हटाने के लिए नोटशीट लिख चुके हैं। यह नोटशीट तकरीबन 12 दिन पहले लिखी गई थी। मंत्री के यहां से नोटशीट को मंत्रालय में बैठे अफसरों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके चलते डीपीसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। विभागीय सूत्रों का कहना है कि मंत्री के नोटशीट लिखने के बाद मंत्री स्टाफ के एक कर्मचारी ने मंत्रालय में अफसरों को कार्यवाही करने से रोक दिया था। लिहाजा अब तक आदेश अभी तक जारी नहीं हुए।

कलेक्टर के निर्देश पर हटे, फिर करा ली पदस्थापना

जिला शिक्षा केंद्र में कुछ कर्मचारियों की कारगुजारियों के चलते अनियमितताओं का अंबार है। डीपीसी कार्यालय में पूर्व जिला परियोजना समन्वयक राजेश बाथम ने सालों से प्रतिनियुक्ति पर जमे लेखापाल भगवान सिंह सेंगर को हटाने के लिए तत्कालीन कलेक्टर अविनाश लवानिया को नोटशीट लिखी थी। नोटशीट में सेंगर पर कार्यालय की छवि को धूमिल करने का आरोप लगाया गया था। तब लवानिया ने सेंगर की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी थी। सेंगर की सेवाएं मूल विभाग मप्र आवास संघ को सौंप दी गईं, लेकिन लवानिया का ट्रांसफर होने के बाद सेंगर फिर अपनी पदस्थापना कराने में सफल हो गए। बताते हैं कि सेंगर की नई पदस्थापना में डीपीसी की भूमिका थी।